रीवा। लंबे समय के बाद रीवा में स्त्री रोग विशेषज्ञों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जहां पर महिलाओं के स्वास्थ्य और उपचार से जुड़ी नई नकनीकों पर चर्चा होगी। यह आयोजन चार दिनों तक होगा, जिसमें विशेषज्ञों के व्याख्यान, प्रजेंटेशन और नई तकनीकी से कुछ आपरेशन भी किए जाएंगे। यह कार्यक्रम श्यामशाह मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग एवं रीवा गायनोकोलॉजी सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गीता बनर्जी, डॉ. शैलबाला, रीवा गायनोकोलॉजी सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. पद्मा शुक्ला, सचिव डॉ. रेखा सिंहल, डॉ. अनुराधा मिश्रा सहित अन्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि करीब दस वर्षों के बाद रीवा में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह 27 से 30 मार्च तक होगा, जिसमें पहले दिन श्यामशाह मेडिकल कॉलेज, 28 एवं 29 को होटल विजय विलास और 30 मार्च को जीएमएच में होगा। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों के प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ भाग लेंगे। विशेषज्ञों द्वारा गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं, प्रसव में नई तकनीकें, मातृ-मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के प्रभावी उपायों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के साथ विख्यात डॉ कुलदीप जैन, डॉ उद्धवराज दुगेडिया सहित अन्य विशेषज्ञों का प्रजेंटेशन होगा। इस दौरान करीब सौ से अधिक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किए जाएंगे। कार्यक्रम में डा एससी सक्सेना स्मृति, डा कुमुद भागवत स्मृति, डा सत्या खनिजो स्मृति ओरेशन तथा कांफ्रेंस पूर्व कार्यशाला, क्रिटिकल केयर और लैप्रोस्कोपिक कार्यशाला का आयोजन प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
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उपचार में एआई तकनीकी पर भी होगा मंथन
डॉ. पद्मा शुक्ला ने बताया कि समय के साथ उपचार की नई तकनीकी अपडेट हो रही है। आर्टिफिशियल इंटीलीजेंस(एआई) का उपयोग बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रहा है। रीवा में भी इसका उपयोग कर आसान तरीके से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिए जाने संबंधी व्याख्यान विशेषज्ञों द्वारा दिए जाएंगे। इसके अलावा विंध्य क्षेत्र में सबसे अधिक पाई जाने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर भी मंथन होगा। चार दिनों के इस कार्यक्रम में करीब पांच सौ विशेषज्ञों के शामिल होने का अनुमान है।
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सरकार के सामने भी रखेंगे सुझाव
स्त्री रोग विशेषज्ञों ने बताया कि इस चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान जो प्रमुख बिन्दु उभरकर सामने आएंगे, उसकी रिपोर्ट सरकार को भी भेजी जाएगी ताकि उस दिशा में कार्य हो सके। डॉ. पद्मा शुक्ला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता की कमी के चलते महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अपना ध्यान नहीं रखतीं जिससे उनके लिए खतरे उत्पन्न होते हैं। इसलिए जागरुकता अभियान पर भी जोर देने की जरूरत है।
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रीवा में देशभर से स्त्रीरोग विशेषज्ञों का जमावड़ा, AI तकनीक पर इलाज का होगा मंथन
राज्य स्तरीय सम्मेलन में 500 से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञों के शामिल होने का अनुमान