nरीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों ने पांच राज्यों का शैक्षणिक भ्रमण पूरा किया है। इस भ्रमण के बाद वापस लौटे छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि पर्यटन क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाने पर रीवा और आसपास के जिलों में भी अच्छा खासा कारोबार हो सकता है। विश्वविद्यालय में संचालित एमबीए (टीए.) व बीबीए (टीएंडएच) के 60 छात्र-छात्राएं व 8 प्राध्यापक सदस्य पर्यटन उद्योग के बढ़ते रोजगार अवसरों को पढऩे व समझने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग एवं स्टार्टअप के तहत अपना देश देखों और घूम-घूम के पढ़ो की तर्ज पर दस दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण यात्रा पर गए थे। इस यात्रा में प्रोफेसर महेशचन्द्र श्रीवास्तव सहित अन्य प्राध्यापक भी मौजूद रहे।
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पर्यटन के क्षेत्र में किस तरह से नई संभावनाएं हैं यह समझने के लिए बड़े पर्यटन स्थलों को देखा गया। एक स्थल पर कितने तरह से रोजगार स्थापित किए जाते हैं इसके बारे में भी बारीकी से समझा गया। छात्रों ने बताया कि भारत जैसे विविधता वाले देश में पर्यटन की आपार संभावनाएं यहां की संस्कृति, संगीत, हस्तकला, खानपान से लेकर नैसर्गिक सुन्दरता हमेशा से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। इससे शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को भी रोजगार के अवसर सृजित होते है। कुछ समय पूर्व ही पर्यटन मंत्रालय ने कहा था कि वर्ष 2030 तक भारत सरकार ने देश में 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा है। स्वभाविक है, इसे हासिल करने के लिए विशेष तौर पर पर्यटन, पारिस्थितिक पर्यटन एवं साहसिक पर्यटन को विकसित करने पर जोर होगा। इसके अलावा स्वदेश दर्शन -2 योजना के तहत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों एवं गांवों तक पर्यटकों को जोडऩे का प्रयास होगा।
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n– राज्यों में यह स्थल प्रमुख रूप से देखे
nशैक्षणिक भ्रमण के दौरान दिल्ली में आतिथ्य उद्योग, हरियाण और पंजाब की पर्यटन और आतिथ्य एवं खाद्य उद्योग और हिमांचल प्रदेश में शिशु, अटल टर्मल, सोलांग वैली, गुलाबा एवं कशोल की हिप्पी लाइफ स्टाइ, इवो मणिकरण साहिब के धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन को भी देखते समझाते हुए विभिन्न रोमांचकारी साहसिक गतिविधियों, कुल्लू में ह्वाइट वाटर राफटिंग व जिप करना नजर रखना एवं पहाड़ी की चढ़ाई, आइस स्केटिंग व आइस दिन का भी आनंद लिया।
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