रीवा। आम जनता की शिकायतों के प्रति प्रशासनिक अनदेखी का एक और उदाहरण जनसुनवाई में सामने आया है। गोविंदगढ़ के तमरा बांसी गांव के आदिवासी परिवार ने बीते छह वर्ष में सैकड़ों शिकायतें की हैं लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। इस कारण अब तक की गई शिकायतों के आवेदन पत्रों की माला पहनकर परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंच गया। जहां पर ज्ञापनों की माला देखकर कलेक्टर भी चौंक गईं और इसकी वजह पूछने पर पता चला कि यह सभी पुराने आवेदन हैं जो जनसुनवाई एवं अन्य अवसरों पर प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए हैं।
आवेदक रामराज कोल निवासी तमरा बांसी ने बताया कि प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था। वर्ष 2018 में विद्युत कनेक्शन के आवेदन के बाद खंभा लगवाया गया। इसमें बिजली की केबिल अब तक नहीं खींची गई है। इसके लिए लगातार आवेदन लेकर भटक रहे हैं। रामराज कोल ने बताया कि करीब सैकड़ा भर से अधिक संख्या में वह आवेदन दे चुके हैं। अब तक बिजली का तार नहीं लगाया गया है। इतना ही नहीं आवेदन के आधार पर बिजली का कनेक्शन भी दे दिया गया है और उसका बिल भी आ रहा है। लेकिन बिजली की सप्लाई घर तक नहीं पहुंची है।
– कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल की चेतावनी
आवेदक राजराज कोल ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि उनकी समस्या का समाधान आगामी 25 अक्टूबर के पहले नहीं सुलझाई जाएगी तो वह कलेक्टर कार्यालय के सामने परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे। जिसमें परिवार के सभी सदस्य भूख हड़ताल करेंगे। कहा गया है कि बिजली कंपनी के अधिकारी शिकायत लेकर पहुंचने पर अभद्रता भी करते हैं।
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कलेक्टर ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल ने आवेदक को आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आह्वान किया कि वह भूख हड़ताल पर नहीं बैठें, समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर ने बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया है कि दो दिन के भीतर पूरे मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करें और योजना के तहत आवेदक के घर पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी कराएं।
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