रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एनएसयूआई ने उग्र प्रदर्शन किया। इस बीच बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता रैली निकालकर विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। जब कार्यकर्ता पुलिस के रोकने पर नहीं रुके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी उपयोग किया।
विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के पहले सड़क पर काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही। पुलिस ने सख्ती के साथ कार्यकर्ताओं को तितर-बितर किया। कई छात्रों पर लाठियां भी भांजी गई। जिससे कई छात्रों को चोटें भी पहुंची हैं। एनएसयूआई के अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं और परिणामों में भारी गड़बड़ी हो रही है, छात्रों से फर्जी तरीके से फीस वसूली जा रही है, और छात्रवृत्तियों के नाम पर तीन-तीन वर्षों से उन्हें ठगा जा रहा है।
उन्होंने एलएलबी प्रश्नपत्र लीक, खिलाडिय़ों को नेशनल गेम्स में भाग लेने से रोकने, तथा कई विभागीय खर्चों में अनियमितता का भी आरोप लगाया। पंकज ने बताया कि विश्वविद्यालय ने आउटसोर्स एजेंसी को कॉपी जांच और रिजल्ट जारी करने का कार्य सौंप दिया है, जबकि विश्वविद्यालय के पास खुद का स्टाफ और सिस्टम है। उन्होंने ओपन टेंडर प्रक्रिया बंद कर अपने लोगों को ठेके देने का आरोप भी लगाया।
छात्रों ने हॉस्टल में बदतर हालात, हेल्पलाइन का अभाव, परीक्षा परिणाम में देरी, उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने, शिक्षा में पक्षपात, पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया को बंद करना, मान्यता रद्द कोर्सों की बहाली, पूरक परीक्षा परिणाम में देरी जैसी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि छात्र लगातार परेशान हो रहे हैं।
—-
सात दिन में समाधान नहीं तो उग्र प्रदर्शन
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिन में छात्रों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। इसके लिए कई बार विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को ज्ञापन दिए जाते रहे हैं लेकिन व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। इस वजह से अब शहर के अन्य कालेजों के छात्रों के साथ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
—–
कांग्रेस ने की निंदा, कहा छात्रों के साथ पार्टी खड़ी है
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इंजी राजेन्द्र शर्मा ने एनएसयूआई के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस के प्रयोग की निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन छात्रों की जायज मांगों को सुने बिना उन पर बर्बर कार्रवाई करना निंदनीय है।
शर्मा ने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमितताओं, परीक्षा परिणामों में गड़बडिय़ों और हॉस्टल में रह रहे छात्रों की समस्याओं को लेकर आंदोलनरत थे। प्रशासन को चाहिए था कि छात्रों से संवाद कर समाधान खोजता, न कि बल प्रयोग करता। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई और पुलिसिया बर्बरता के दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। छात्र इस मामले में अकेले नहीं हैं।