रीवा। जिला पंचायत में आदिवासी महिला सरपंच अपने छोटे बच्चे और पति के साथ धरने पर बैठ गई। महिला का कहना है कि वह कई महीने से लगातार जिला पंचायत का चक्कर लगा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कुछ दिन पहले भी आई थी उस दौरान आश्वासन दिया गया था कि दो दिन के भीतर कार्रवाई हो जाएगी। लेकिन निर्धारित समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से धरने पर बैठना पड़ रहा है।
मऊगंज जिले के नईगढ़ी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिपरा की सरपंच अनीता उर्फ नीता कोल ने बताया कि वह अपने ग्राम पंचायत के सचिव को हटाने के लिए लगातार कई महीने से मांग कर रही हैं। जनपद के अधिकारियों ने नहीं सुना तो वह जिला पंचायत आई। इसके पहले प्रभारी सीईओ को भी अपनी बात बता चुकी है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिन पहले जब आई थी तो जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल से अपनी बात बताई थी। उनकी ओर से जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के लिए कहा गया था। बीते सप्ताह फिर आई तो सीईओ ने कहा था कि दो दिन में कार्रवाई हो जाएगी। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह फिर से रीवा आई। सोमवार को जिला पंचायत सीईओ से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराएंगे। अभी कोई कार्रवाई नहीं होगी अप्रेल महीने के बाद देखेंगे क्या हो सकता है। यह बात महिला सरपंच जब जिला पंचायत अध्यक्ष को बताने पहुंची तब उन्होंने कहा कि वह अधिकारी को कार्रवाई के लिए कह सकती हैं तो कई बार कहा भी है, जब कार्रवाई नहीं करते तो क्या कर सकते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष से मिलने के बाद महिला सरपंच अपने दुधमुहे बच्चे और पति के साथ जिला पंचायत के पोर्च के नीचे देर शाम तक बैठी रही।
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वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आई
धरने पर बैठी महिला सरपंच और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच हुई बातचीत का एक वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष यह कहते हुए सुनाई दे रही थी कि महिलाओं को आरक्षण देने का क्या मतलब है जब उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे आरक्षण को बंद ही कर देना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष का बयान खूब वायरल हुआ था, जिसके चलते उक्त महिला सरपंच का मामला भी सुर्खियों में आया था। वह कार्रवाई नहीं होने की वजह से धरने पर बैठ गई है।

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