रीवा। इस वर्ष की दूसरी गिद्ध गणना 29 अप्रेल को निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार पूरी हुई, जिसमें 303 गिद्ध देखे गए हैं। इसके पहले फरवरी में हुई गणना की तुलना में 456 गिद्ध कम पाए गए हैं। जिससे माना जा रहा है कि गर्मी का मौसम उनके अनुकूल नहीं होने की वजह से वह रीवा को छोड़कर किसी दूसरे क्षेत्र के लिए उड़ गए हैं। इस गणना से यह माना जा रहा है कि ठंड के मौसम में गिद्ध अधिक संख्या में रहते हैं और गर्मी बढ़ते ही वह पलायन कर जाते हैं। इसके पहले फरवरी महीने 17 से 19 तारीख तक वन मंडल क्षेत्र के रीवा एवं मऊगंज जिले में तीन दिनों तक लगातार की गई गणना में 759 गिद्ध पाए गए थे। यह संख्या बीते साल किए गए सर्वे की तुलना में 111 अधिक थी। फरवरी महीने में हुई गणना से अच्छा संदेश आया था कि लगातार अब गिद्धों की संख्या बढ़ रही है। अब दो महीने के बाद फिर से हुई गणना में आधे से अधिक संख्या में गिद्धों का रीवा को छोड़कर उड़ जाना चिंता का भी विषय है। बीते करीब दो दशक पहले से गिद्धों की संख्या लगातार घटती जा रही थी, जिसके लिए सरकार के स्तर पर कई प्रयास किए गए। गिद्ध पारिस्थितिकी तंत्र में सफाईकर्मी के रूप में जाने जाते हैं। इनका पाचन तंत्र बहुत मजबूत होता है, जिससे ये शवों में मौजूद बैक्टीरिया और फफूंद को आसानी से पचा लेते हैं। गिद्ध एंथ्रेक्स, फूट एंड माउथ डिजीज और रेबीज जैसी महामारियों के प्रसार को रोकते हैं। पूर्व के वर्षों में गिद्धों की संख्या में गिरावट का प्रमुख कारण डाइक्लोफेनैक नामक पशु चिकिस्सा दवा को माना गया है जो गिद्धों के लिए घातक होती है। गिद्धों के संरक्षण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के चलते अब हर साल दो बार गणना की जा रही है।

—————
दो तरह के ही गिद्ध इस बार देखे गए
दुनियाभर में गिद्धों की 23 प्रजातियों में से भारत में 9 प्रजातियां पाई जाती हैं। रीवा वनमंडल में पांच प्रकार के गिद्ध देखे जाते रहे हैं। अब अप्रेल की गणना में दो प्रकार के इंडियन लांग विल्ड वल्चर(देशी) और इजिप्शयन वल्चर(सफेद) गिद्ध देखे गए हैं। जबकि ठंड के दिनों में आने वाले प्रवासी गिद्ध इस बार नहीं दिखे। इसमें प्रमुख रूप से हिमालयन ग्रिफान, यूरेशियन ग्रिफान, सिनेरियश वल्चर(काला गिद्ध) आदि सामान्यतौर पर नवंबर-दिसंबर के महीने में आते हैं। इस गणना में माना जा रहा है कि दो प्रकार के गिद्ध ही रीवा में स्थाई रूप से रह रहे हैं। वाइट रम्प्ड वल्चर, रेड हेडेड वल्चर भी पूर्व में दिखे थे।
—-
During winters, three species of vultures come from outside to Rewa
दो महीने पहले हुई गणना में मिले गिद्ध
वन परिक्षेत्र—- वयस्क—अवयस्क— कुल
अतरैला——103—-00—103
डभौरा——-07—-00—-07
रीवा——-80—–27—–107
सिरमौर—–131—15—-146
सेमरिया—-311—-35—-346
मऊगंज—-00—-00—–00
हनुमना—–50—–00—-50
—————————-
कुल—–682—-77—-759–
——————————–
29 अप्रेल की गणना में मिले गिद्ध
वन परिक्षेत्र—- वयस्क—अवयस्क— कुल
अतरैला——08—-00—08
डभौरा——-01—-00—-01
रीवा——-19—–00—–19
सिरमौर—–148—00—-148
सेमरिया—-45—-08—-53
मऊगंज—23—–02—–25
हनुमना—–49—–00—-49
—————————-
कुल—–293—-10—-303–

Share.
Leave A Reply