रीवा। शहर में शनिवार को स्टेट जीएसटी टीम ने पांच फर्जी फर्मों पर छापा मारा। ये फर्में धोबिया टंकी में वरदान अस्पताल के पास किराए की बिल्डिंग में संचालित हो रही थीं। जब टीम ने छापा मारा तो वहां न कोई स्टॉक मिला और न कोई सामग्री। केवल कुर्सी-टेबल के अलावा कोई दस्तावेज नहीं पाए गए। इस कारण जीएसटी टीम ने सभी दुकानों को सील कर दिया।
बताया जा रहा कि इन फर्मों के प्रॉपाइटर राजन और मोहित कुमार हरियाणा के रहने वाले हैं। इन सभी फर्मों के जीएसटी नम्बर पांच महीने पहले सेंट्रल जीएसटी कार्यालय से जारी हुए थे। उन्होंने ऑटो पार्ट्स बेचने के लिए ये फर्में खोली थीं और पिछले चार महीनों में 6 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। जब टीम ने प्रॉपाइटर्स को फोन किया तो उनका फोन बंद था। छापेमारी में सहायक आयुक्त राजीव गोयल, नवीन दुबे, विवेक कुमार दुबे, अभिनव त्रिपाठी, दिलीप सिंह सहित निरीक्षक हरिहर तिवारी, मत्युजंय तिवारी, हेमंत रामटे, प्रमोद शर्मा शामिल रहे।
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कागजों में हो रहा था कारोबार
स्टेट जीएसटी टीम को दुकान के मालिक ने बताया कि वह एक बार किरायानामा बनवाने आए थे। इसके बाद नहीं लौटे। हालांकि प्रतिमाह निश्चित किराया ऑनलाइन भुगतान करते आ रहे थे। फर्म में किसी भी प्रकार का कोई क्रय-विक्रय का काम नहीं होता था। कागजों में कारोबार चल रहा था। जबकि, इनके प्रस्तुत रिटर्न में पांच फर्म में छह करोड़ का कारोबार किया गया है।
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आइटीसी के लिए बनाते हैं फर्म
बताया जा रहा कि जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में व्यापारी इनपुट कैश क्रेडिट (आईटीसी) लेने के लिए इस तरह की फर्जी फर्म बनाते हैं। ये पांच फर्म भी इसी उद्देश्य से बनाई गईं थी।
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इन फर्मों के नाम से चल रहा था काला कारोबार
शहर में ऑटो पार्ट्स बेचने के लिए धोबिया टंकी स्थित किराए के मकान में पांच फर्म राजन और मोहित ने मिलकर बनाई थी। इनमें न्यू एरा इंटर प्राइजेज, क्लोस्ट्राल ट्रेड इंडिया लिमिटेड, न्यो किंग इंटर नेशनल एवं बेल्कोज इंटरनेशल फर्म शामिल हैं। इनके माध्यम से करोड़ों का काला कारोबार चल रहा था।
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पांचों फम में करोड़ों का कारोबार हुआ था, लेकिन भौतिक रूप में कोई स्टॉक व दस्तावेज नहीं मिला। दुकानों को सील कर दिया गया है। अब इन फर्मों के जीएसटी नम्बर निरस्त करने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
उमेश त्रिपाठी, उपायुक्त, स्टेट जीएसटी