रीवा। रीजनल इंडस्ट्रियल कांक्लेव की तर्ज पर रीवा में टूरिज्म कांक्लेव का आयोजन किया जाएगा। पहली बार रीवा में आगामी 25 से 27 जुलाई तक तीन दिवसीय टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम शहर के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित देशभर के पर्यटन निवेशक, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और पर्यटन से जुड़े प्रमुख स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि कॉन्क्लेव का उद्देश्य रीवा और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।

इस आयोजन में प्राकृतिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और हेरिटेज टूरिज्म पर विस्तृत चर्चा की जाएगी, और निवेश के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। रियासतकालीन समय में रीवा राजधानी रहा है, इसलिए यहां पर ऐतिहासिक महत्व के कई भवन और स्थल हैं जो पर्यटकों का आकर्षण बढ़ा सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक रूप से यह ऐसा जिला है जहां सबसे अधिक संख्या में बड़े जलप्रपात हैं। वर्तमान में संसाधनों की कमी के चलते कम संख्या में बाहरी पर्यटक आ रहे हैं। वाइल्ड लाइफ की दृष्टि से भी रीवा सहित पूरा विंध्य महत्वपूर्ण है। धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों का भी प्रजेंटेशन होगा।

प्राकृतिक सौंदर्य का मानसूनी आकर्षण
कार्यक्रम को मानसून के दौरान आयोजित करने का उद्देश्य रीवा के प्रमुख जलप्रपातों जिसमें क्योटी, बहुती, चचाई, पूर्वा फाल, टोंस वाटरफाल, घिनौचीधाम सहित अन्य क्षेत्रों की सौंदर्यता को निवेशकों के सामने लाना है। बरसात के दिनों में ये जलप्रपात अपनी संपूर्ण भव्यता में होते हैं। इस बीच दूसरे राज्यों के पर्यटक भी आते हैं, जिससे कॉन्क्लेव में आने वाले प्रतिनिधियों को ग्राउंड रियलिटी के साथ योजना निर्माण में सुविधा मिलेगी।

व्यवसायिक भागीदारी और सरकारी फेसीलिटेशन पर चर्चा
यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें होटल व्यवसायियों, टूर एजेंसियों, ट्रेवल ऑपरेटर्स और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों की सहभागिता रहेगी। आयोजन में यह भी चर्चा की जाएगी कि सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र में किस प्रकार की नीतिगत मदद और फेसीलिटेशन निवेशकों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस आयोजन के जरिए न केवल रीवा बल्कि पूरे विंध्य के जिलों के पर्यटन स्थलों पर फोकस करते हुए कनेक्टिविटी बताई जाएगी।

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