Monday, September 15

सूरत / सतना । मध्यप्रदेश का निवासी एक युवक खुद को राज्य का डिप्टी सीएम बताकर रेलवे अधिकारियों को धमकाता फिर रहा था, लेकिन सूरत आरपीएफ की सतर्कता ने उसकी पूरी साजिश को बेनकाब कर दिया। घटना 29 अगस्त की है जब युवक ने बिना टिकट यात्रा कर रहे अपने परिचित को छुड़ाने के लिए सूरत आरपीएफ को फोन किया और खुद को मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला बताया।

जानकारी के मुताबिक, टीटीई ने सूरत स्टेशन पर  रणजीत यादव नामक युवक को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा और नियमानुसार जुर्माना लगाया। इसके थोड़ी देर बाद सूरत आरपीएफ उप निरीक्षक कुलदीप सिंह को फोन आया फोन करने वाले ने कहा मैं मध्यप्रदेश का डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला बोल रहा हूं, आपने मेरे परिचित रणजीत यादव को क्यों पकड़ा, तुरंत छोड़िए।

उप निरीक्षक को संदेह हुआ और उन्होंने जांच की, जिसमें पुष्टि हुई कि यात्री सिर्फ बिना टिकट यात्रा कर रहा था और जुर्माने की रसीद काटी गई थी। इसके बाद फोन पर मौजूद व्यक्ति ने धमकाने की कोशिश करते हुए कहा कि *”आप एक परिचित को नहीं संभाल सकते, रसीद कैसे काट दी?”*

 खुल गई पोल – खुद ही बन गया डिप्टी सीएम 

पुलिस ने रणजीत यादव को 30 अगस्त को थाने बुलाकर पूछताछ की। पहले उसने खुद को डिप्टी सीएम का परिचित बताया, लेकिन जब सख्ती से सवाल हुए, तो उसने कबूल किया कि डिप्टी सीएम वाला फोन उसी ने खुद किया था दूसरे मोबाइल नंबर से खुद को डिप्टी सीएम बताकर अधिकारियों को गुमराह करता था। आरोपी की पहचान रणजीत मिट्टुलाल यादव (21), निवासी रघुराजनगर, जिला सतना (मध्यप्रदेश) के रूप में हुई है।

 मोबाइल में मिला फर्जी नेटवर्क 

सूरत आरपीएफ द्वारा की गई मोबाइल जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। रणजीत के फोन में कई बड़े नेताओं, मंत्रियों, पुलिस अधिकारियों, आरपीएफ अधिकारियों, एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टरों के मोबाइल नंबर मिले। इससे साफ है कि वह लंबे समय से फर्जी पहचान और झूठे प्रभाव के जरिए कई जगहों पर दबाव बनाने की कोशिश करता आ रहा था। सूरत आरपीएफ ने रणजीत के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उसे रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने और कहां-कहां इस तरह की ठगी और प्रभावशाली बनने की कोशिश की है।

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