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Chaos in court premises: Video of fight goes viral, questions raised on role of police

छतरपुर। जिला अदालत परिसर में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब दो पक्षों के बीच जबरदस्त मारपीट हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर…

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सतना । रेल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है की  रेलवे प्रशासन ने कुछ ट्रेनों को निरस्त और कुछ को डायवर्ट कर दिया है। यह निर्णय…

Virat Kohli Test Retirement:  भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। अब इस पर भारत के पूर्व क्रिकेटर और युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कोहली और रोहित शर्मा, दोनों के संन्यास को 'जल्दबाज़ी' करार दिया है। योगराज सिंह ने कहा, "विराट कोहली को अभी टेस्ट क्रिकेट नहीं छोड़ना चाहिए था। उनमें अभी तीन-चार साल का क्रिकेट बाकी था।" उन्होंने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि फिटनेस के दम पर खिलाड़ी 50 साल तक भी खेल सकता है। उन्होंने रोहित शर्मा के संन्यास पर भी निराशा जताई और कहा कि “ऐसे खिलाड़ी सदियों में बनते हैं।” योगराज सिंह ने सुझाव दिया कि कोहली और रोहित को युवा खिलाड़ियों, खासतौर पर नए कप्तान बनने जा रहे शुभमन गिल को अनुभव देना चाहिए था। उन्होंने कहा, "जैसे एक बाप अपनी विरासत बेटे को सौंपता है, वैसे ही इन्हें टीम को तैयार करके जाना था।" उन्होंने यह भी कहा कि कोहली की फिटनेस अद्भुत है और उन्हें 40-42 साल की उम्र तक खेलना चाहिए था। "खिलाड़ी कभी बूढ़ा नहीं होता। खिलाड़ी हमेशा खिलाड़ी ही रहता है।" योगराज सिंह ने युवराज सिंह के समय को भी याद करते हुए कहा कि उन्हें भी संन्यास नहीं लेना चाहिए था। हालांकि उन्होंने माना कि संन्यास व्यक्तिगत निर्णय है और उन्होंने इस फैसले का सम्मान करते हुए कहा, "यह दोनों का निजी निर्णय है, इसलिए उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन मेरा व्यक्तिगत मत है कि यह निर्णय थोड़ा जल्द लिया गया।" अंत में उन्होंने कोहली और रोहित की तारीफ करते हुए कहा, "वे दोनों बेहतरीन खिलाड़ी थे, उन्हें खेलते देखना हमेशा गर्व की बात रही, लेकिन हर अच्छी चीज का एक अंत होता है।"

Virat Kohli Test Retirement:  भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी…

IndiaPakistanTensions : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से पड़ोसी देश को स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया। एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस वार्ता के दौरान रामचरितमानस की एक प्रसिद्ध चौपाई का उल्लेख करते हुए कहा: "बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।" उन्होंने कहा कि यह पंक्तियाँ आज की स्थिति पर सटीक बैठती हैं। "समझदार को इशारा काफी होता है", उन्होंने जोड़ा, जिससे यह स्पष्ट संकेत गया कि भारत अब केवल चेतावनी नहीं, कार्रवाई की भाषा भी समझाता है। भारत की कार्रवाई केवल आतंकियों पर, पाकिस्तान ने चुना गलत पक्ष एयर मार्शल भारती ने बताया कि 7 मई को भारतीय वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ थी। उन्होंने स्पष्ट किया, "हमने पाकिस्तान या उसके सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया। हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, लेकिन पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर यह साबित किया कि वह आतंक का साथ दे रहा है।" उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी, "उनका जो भी नुकसान हुआ, उसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार हैं।" संस्कृति और शक्ति का संतुलन इससे पहले की प्रेस वार्ता में शिव तांडव स्तोत्र का उल्लेख किया गया था, वहीं आज दिनकर की कविता "कृष्ण की चेतावनी" और रामचरितमानस की चौपाई के माध्यम से भारत ने यह दर्शाया कि उसकी सैन्य प्रतिक्रिया केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक चेतना से भी प्रेरित है। एयर डिफेंस बना अभेद्य दीवार एयरमार्शल भारती ने भारत की सैन्य तैयारियों पर भरोसा जताते हुए कहा, "हमारी एयर डिफेंस प्रणाली देश के लिए एक दीवार की तरह खड़ी रही। दुश्मन के लिए इसे भेदना नामुमकिन था।" उन्होंने भरोसा जताया कि भारत किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

IndiaPakistanTensions : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से पड़ोसी देश…

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रीवा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान शासकीय सेवा में रहते हुए बिना विभागीय अनुमति डिग्री हासिल करने के मामले में विवादों में…