Saturday, July 19

रीवा। बहुचर्चित अपहरण कांड में बच्चे को खरीदने वाले शिक्षक ने 53 की उम्र में शादी की थी। शादी के बाद उसको बच्चा नहीं हो रहा था। इस पर उसने संतान खरीदने के लिए दोनों हाथ से पैसे लुटाए। बच्चे को बेचने वाले आरोपियों को ठाणे से लेकर पुलिस रीवा के लिए रवाना हो गई है। रविवार की सुबह रीवा पहुंचने की संभावना है।
सिविल लाइन थाने के कॉलेज चौराहे से गत दिनों 6 माह के बच्चे का अपहरण हुआ था। उसको पुलिस ने मुंबई के कल्याण इलाके से बरामद किया था। इस मामले में 11 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। उनको पुलिस ने शनिवार को ठाणे की अदालत में पेश किया। वहां से सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस रीवा के लिए रवाना हो गई है।

अभी तक यह बात सामने आई कि बच्चे की चाहत रखने वाले शिक्षक श्रीकृष्ण शांताराम पाटिल ने 53 साल की उम्र में गत वर्ष शादी की थी। उसकी पत्नी की उम्र भी 45 साल की है। दोनों को एक साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ तो उन्होंने बच्चे की चाहत में दोनों हाथों से पैसे लुटाए और इस सनसनीखेज अपहरण कांड को अंजाम दिया। इस पूरे अपहरण कांड में फिलहाल 29 लाख रुपए का लेनदेन सामने आया है। रुपए कई लोगों में बंटे हैं। आरोपियों से रिमांड पर अब इन रुपए की बरामदगी का प्रयास पुलिस करेगी। कुछ के खाते में रुपए जमा हैं जबकि कुछ आरोपियों ने रुपए खुर्दबुर्द कर दिए।

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ऐसे रची गई थी अपहरण की साजिश

शिक्षक श्रीकृष्ण शांताराम को एक बच्चे की जरूरत थी। उसने लीलावती हास्पिटल में काम करने वाले अपने शिष्य अमोल से चर्चा की। जनवरी में 30 लाख में सौदा तय हुआ था। अमोल की पत्नी अरबी ने एक आटो ड्राइवर प्रदीप कोलम्बे व नितिन सोनी निवासी मऊगंज हाल मुकाम ठाणे से संपर्क किया, जिनको बच्चा उपलब्ध करवाने के लिए आठ लाख में सौदा तय किया। अरबी ने प्रदीप, नितिन और नितिन की पत्नी महक खान उर्फ स्वाती सोनी की प्लेन की टिकट करवाई। इससे वे बनारस तक आए और वहां से मऊगंज पहुंच गए।

मऊगंज में नितिन ने अतुल जायसवाल को बच्चा उठाने की सुपारी दी और वहां से वापस ट्रेन से जबलपुर पहुंच गए। आरोपियों ने काॅलेज चौराहे से पीडि़त के बच्चे को उठाने से पहले 2 मई से रेकी शुरू कर दी थी। उनकी पूरी दिनचर्या दर्ज की और बच्चे को उठाने के लिए सही समय का चयन किया। रात में अतुल, हारुन व अतुल की प्रेमिका ने बच्चे का अपहरण किया और उसके बाद कार में बच्चे को लेकर सीधे जबलपुर पहुंच गए। ट्रेन से नितिन, प्रदीप व स्वाती जबलपुर पहुंच गए। धुआंधार वाटरफाल के समीप बच्चे की डिलेवरी हुई। वहां से बच्चे को ठाणे ले जाकर अरबी और उसके पति को सौंपा गया। बच्चा श्रीकृष्ण शांतराम के पास पहुंच गया।

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कडिय़ां जोड़कर बच्चे तक पहुंची पुलिस

अपहरण कांड के खुुलासे में एक संदिग्ध कार सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। इसके बाद अपहरण का पहला आरोपी मो. सलीम उर्फ असलम निवासी मऊगंज पुलिस के हाथ लगा। उसकी निशानदेही पर जबलपुर से दो आरोपियों को पकड़ा गया। उनके बताए अनुसार पुलिस महाराष्ट्र पहुंची और वहां पर अरबी और उसके पति को धर लिया। उनसे पूछताछ के बाद पुलिस टीम सकुशल बच्चे तक पहुंच गई। एसपी विवेक सिंह ने ठाणे के डीसीपी से बात की। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने रीवा पुलिस की आरोपियों को पकडऩे में मदद की और सर्च आपरेशन चौथे दिन पूरा हो गया।

मऊगंज पुलिस ने भी की पूछताछ

मऊगंज में एक दस वर्षीय बच्ची के अपहरण मामले में भी मऊगंज पुलिस ने आरोपी से मो. सलीम उर्फ असलम निवासी मऊगंज से घंटों पूछताछ की है। हालांकि बच्ची के अपहरण मामले में आरोपी से कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

बच्चे के अपहरण मामले में 11 आरोपी अभी तक गिरफ्तार हो चुके हैं। पकड़े गए आरोपियों को रिमांड पर लेकर रीवा लाया जा रहा है। आरोपियों से बच्चे के सौदे में मिली रकम व घटना में प्रयुक्त वाहनों को बरामद किया जाना है। अपहरण कांड में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में भी विस्तृत पूछताछ की जायेगी।

विवेक सिंह, एसपी रीवा

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