Saturday, June 7

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) ने विश्वविद्यालय के बीएड विभाग की मान्यता समाप्त कर दी है। जिससे विश्वविद्यालय इस वर्ष बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दे पाएगा। एनसीटीई ने देश के चार राज्यों के 380 बीएड कालेजों की मान्यता सत्र 2025 -26 के लिए समाप्त कर दी है।

रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्व विद्यालय का बीएड विभाग भी शामिल है। मध्यप्रदेश के कुल 11 बीएड कालेजों की मान्यता निरस्त की गई है। जिसमें रीवा जिले का अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और नीरांचलम शिक्षा महाविद्यालय मनगवां भी शामिल है। एनसीटीई की बैठक में लिए गए निर्णय का यह कदम उन संस्थाओं के खिलाफ उठाया गया है जिन्होने निर्धारित समय पर परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट(पीएआर) दाखिल नहीं की थी।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक ढांचे में कमी, नियमित प्राध्यापकों की अनुपलब्धता तथा प्रशिक्षण मानकों का उल्लंघन आदि कारणों से एनसीटीई ने विश्वविधालय की मान्यता समाप्त की है। विश्वविद्यालय का बीएड विभाग अंतरभारती भवन के दो कमरों में संचालित है। जहां एक भी नियमित प्राध्यापक पदस्थ नहीं हैं। बीएड विभाग अतिथि विद्वानों के सहारे संचालित हो रहा था। यहां तक कि विभागाध्यक्ष भी हिंदी के प्राध्यापक को बनाया गया था। जिसकी शिकायत एनसीटीई को मिली थी।

शिकायत में उल्लेख किया गया था कि विश्वविद्यालय अतिथि विद्वानों के आधार पर बीएड विभाग संचालित कर रहा है,किंतु झूठी जानकारी और गलत शपथ पत्र देकर विश्वविद्यालय ने बीएड की मान्यता हासिल की है। जिस पर एनसीटीई ने विश्वविद्यालय के बीएड विभाग की मान्यता समाप्त कर दी है। मान्यता समाप्त होने से अब विश्वविद्यालय सत्र 2025 -26 के लिए बी एड पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दे पाएगा।

पूर्व में भी समाप्त हो चुकी है मान्यता
एनसीटीई ने इसके पहले भी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के बीएड और बीपीएड और एमपीएड की मान्यता रोक दी थी। जिसके चलते कई वर्षों तक प्रवेश नहीं हो पाया। बड़ी मुश्किल से मान्यता शुरू हुई और बीते साल से बीएड में प्रवेश शुरू किया गया है। अब पीएआर रिपोर्ट भेजने में गड़बड़ी किए जाने की वजह से एनसीटीई ने विश्वविद्यालय की मान्यता को निरस्त कर दिया है। यह विश्वविद्यालय के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

बीपीएड भी पोर्टल पर नहीं दिख रहा
इनदिनों चल रहे प्रवेश में बीपीएड और एपीएड में प्रवेश लेने वाले छात्र भी परेशान हैं। पोर्टल पर विश्वविद्यालय का नाम उल्लेखित नहीं होने की वजह से च्वाइस फिलिंग छात्र नहीं कर पा रहे हैं। बताया गया है कि मंगलवार की सायं से एमपीएड का नाम पोर्टल पर दिखने लगा है और बीपीएड का अब तक नहीं दिख रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के भोपाल मुख्यालय भी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चर्चा की है, जिस पर कहा गया है कि वह एनसीटीई से संपर्क कर इसमें सुधार कराएं अन्यथा प्रवेश नहीं होंगे। विश्वविद्यालय की ओर से दावा किया गया है कि इसमें जल्द ही सुधार करा लिया जाएगा।
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