रीवा। महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन का रीवा में नया कैम्पस विकसित किया जाएगा। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 45.79 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है। यह कैम्पस शहर के लक्ष्मणबाग संस्थान के पास विकसित किया जाएगा। जिसके लिए पूर्व से ही प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था। वित्तीय व्यय समिति ने पूरे मामले का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राशि जारी की गई है। विश्वविद्यालय ने रीवा में अपना कैम्पस बीते साल ही प्रारंभ कर दिया है। अभी अस्थाई तौर पर लक्ष्मणबाग संस्थान परिसर में ही कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। रीवा में करीब 200 वर्ष पहले संस्कृत के शिक्षा का बड़ा केन्द्र था। यहां पर रामानुज संप्रदाय के कई विद्वान रहे हैं जिनसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र आते थे। समय के साथ संस्थान बंद हो गया लेकिन संस्कृत के शिक्षा की मांग लगातार की जाती रही। लक्ष्मणबाग रामानुज संप्रदाय का बड़ा केन्द्र है, इसलिए सरकार ने उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय का रीवा में कैम्पस प्रारंभ करने की अनुमति दी है। अभी अस्थाई तौर पर कक्षाएं संचालित हो रही हैं। आने वाले वर्षों में छात्रावास एवं विश्वविद्यालय का अपना परिसर तैयार होने के बाद नई कक्षाएं प्रारंभ होंगी। लक्ष्मणबाग संस्थान से करीब 15 एकड़ भूमि लिए जाने का प्रस्ताव है।
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एडमिन ब्लाक और छात्रावास बनेंगे
महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कैम्पस निर्माण के लिए 1600 वर्गमीटर में एडमिन ब्लाक और एकेडमिक ब्लाक का निर्माण होगा। इसके लिए 4.83 करोड़ रुपए की स्वीकृति हुई है। साइट डेवपलमेंट के लिए 5.42 करोड़, 1.76 करोड़ रुपए सुपरवीजन में खर्च किए जाएंगे। निर्माण और सुपरवीजन में 18 प्रतिशत की दर से 5.61 करोड़ रुपए जीएसटी टैक्स के लिए स्वीकृत किया गया है।
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संस्कृत कालेज परिसर का भी होगा विस्तार
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई राशि में रीवा के वेंकट संस्कृत महाविद्यालय के परिसर विस्तार का भी उल्लेख है। शैक्षणिक और प्राचार्य कार्यालय निर्माण के लिए 8.07 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। इसी तरह 100 सीटर बालक छात्रावास के लिए 6.42 करोड़, 50 सीटर बालिका छात्रावास के लिए 4.68 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। बताया जा रहा है कि संस्कृत कालेज नए परिसर में समायोजित होगा या फिर पहले की तरह संचालित होगा इस पर सरकार के स्तर पर निर्णय होगा।
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कोर्ट में भी चल रहा है मामला
लक्ष्मणबाग संस्थान की भूमि संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए लेने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए नौ करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण के लिए दिया गया है। यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा है। याचिका लगाने वाले अधिवक्ता नागेन्द्र सिंह गहरवार का कहना है कि कोर्ट ने जिला प्रशासन, लक्ष्मणबाग संस्थान के सीईओ, शासन और संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस पर अभी निर्णय आना बाकी है।
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