Four people including a ward boy accused of gangraping a teenager in GM Hospital of Medical College Rewa
रीवा। मेडिकल कालेज के गांधी मेमोरियल अस्पताल में अपनी मां के साथ आई किशोरी के साथ हुए कथित गैंगरेप के मामले में हर दिन नया घटनाक्रम हो रहा है। पुलिस ने इस मामले में जो खुलासा किया, उसे पीडि़ता ने नकार दिया और कहा कि उसके साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया है। मामला सुर्खियों में आया और पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आई तो पुलिस अधीक्षक ने फिर से पीडि़ता को बुलवाया और उसके बयान दर्ज कराए। अब पुलिस नए सिरे से इसकी जांच कर रही है।
पीडि़ता को फिर से बुलाया गया और उसके बयान लिए गए हैं। अब जो आरोप सामने आए हैं, उसमें कई अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी दी गई है। जिसके चलते पुलिस ने संबंधित ठिकानों में आरोपियों की तलाश में दबिश भी देना शुरू कर दिया है। वहीं कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन विरोध में उतर आए हैं। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला का इस्तीफा मांगा जा रहा है।
जीएमएच के ईएनटी विभाग में एक महिला कई दिन से भर्ती थी। उसके साथ नाबालिग बेटी भी थी।
बीते नौ जून की रात्रि में अचेत हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर लड़की ने वार्डबॉय और उसके साथियों पर आरोप लगाया था। अस्पताल प्रबंधन ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी छुट्टी कर दी थी। दूसरे दिन यह मामला सुर्खियों में आया जब सीसीटीवी में लड़की को अस्पताल में लाते हुए वीडियो वायरल हुआ। जिसके बाद पुलिस की टीम पीडि़त लड़की के घर गई और वहां से मां और परिवार के अन्य लोगों के साथ रीवा लाया गया। पुलिस ने पूछताछ के बाद लड़की का बयान कोर्ट में भी जज के सामने कराया। वहां से बाहर निकलने के बाद पीडि़ता और उसकी मां ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए और कहा कि पुलिस वाले दबाव बना रहे थे। पीडि़ता का बयान वायरल होने के बाद पुलिस सवालों के घेरे में थी। जिसकी वजह से अब नए सिरे से जांच शुरू की जा रही है।
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पीडि़त नहीं संदेही की नजर से देख रही थी पुलिस
पीडि़ता एवं उसके परिवार के सदस्यों ने मीडिया के सामने दिए बयान में कहा कि पुलिस उनके साथ पीडि़त नहीं बल्कि संदेही की तरह व्यवहार कर रही थी। अचानक से गांव पुलिस पहुंची, घर पर लड़की नहीं थी तो उसके मामा के घर से उठाया गया। कई अधिकारी मिले और यह कहते रहे कि झूठी कहानी बना रही है। पुलिस की जांच से वह संतुष्ट नहीं थे।
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अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल
अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले में अलग-अलग बयानबाजी करता रहा है। पहले घटना से अनभिज्ञता जाहिर की, बाद में माना कि वार्डबॉय ने रात में अस्पताल से बाहर ले जाने का प्रयास किया। उसे निलंबित भी किया। ड्यूटी पर तैनात सीएमओ को भी नोटिस जारी की गई। महिला एवं पीडि़त किशोरी को आनन-फानन में छुट्टी देकर अस्पताल से घर भेजने के मामले में भी अस्पताल प्रबंधन के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। जिन अन्य लोगों के नाम पीडि़ता ने बताए हैं उनके विरुद्ध भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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ऐसे बदलता रहा घटनाक्रम
– नौ जून को रात्रि में पीडि़ता चोटिल हालत में अस्पताल लाई गई, मेडिकल परीक्षण हुआ और छुट्टी दे दी गई।
– 10 जून को पहले अस्पताल प्रबंधन अनभिज्ञता जाहिर करता रहा, बाद में वीडियो वायरल होने के बाद अधीक्षक ने माना कि दो लोगों के रेप करने की बात सामने आ रही है, इसलिए पुलिस को पूरा मामला सौंपा है।
– 10 जून को ही अस्पताल अधीक्षक ने बयान बदला और कहा कि लड़की के शरीर में कोई ऐसे चोट के निशान नहीं थे, जिससे गैंगरेप की पुष्टि हो। पुलिस खुलासा करेगी।
– 11 जून को पुलिस अधीक्षक ने खुलासा किया कि पीडि़ता को अस्पताल के वार्डबॉय महेन्द्र ने ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था और रात में मिलने बुलाया था। जब वह लौट रही थी तब रास्ते में दो युवकों ने छेड़छाड़ की।
– 11 जून को रात्रि में पीडि़ता, उसकी मां और भाई ने पुलिस की जांच से असंतुष्टि जाहिर की और कहा कि गैंगरेप हुआ है।
– 12 जून को पहले पुलिस ने कहा कि कोर्ट में दर्ज कराए बयान के आधार पर ही जांच होगी। उसमें पीडि़ता ने छेड़छाड़ की बात कही है।
– 12 जून को एसपी ने पीडि़ता से फिर मुलाकात की और बयान दर्ज कराने के बाद नए सिरे से जांच शुरू कराई।
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पीडि़ता के ये हैं आरोप
पीडि़ता ने जो घटनाक्रम बताया है उसके अनुसार अस्पताल के कर्मचारियों को उसने अपना मोबाइल नंबर लिखवाया था, उस दौरान वार्डबॉय महेन्द्र तिवारी भी मौजूद था। उसने रजिस्टर से नंबर देखकर उसे मैसेज किया। जिसमें बताया कि तुम्हारा फ्रेंड हूं। बाद में बात करने लगा और तरह-तरह के प्रलोभन देता रहा। इसी बीच वाट्सएप पर लगे फोटो को एडिट कर अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए और धमकाने लगा कि उसके हिसाब से काम करो अन्यथा वायरल कर दूंगा। इसी सिलसिले में रात्रि के समय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे मिलने को बुलाया था। जहां पर पहुंची तो वह छेडख़ानी करने लगा, इसी बीच अस्पताल से फोन आया कि लड़की गायब है तो फोन को बंद कर लिया। इसके बाद अपने घर ले गया, जहां पर बलात्कार किया। इस बीच उसके अन्य साथी आए और उन्होंने भी बलात्कार किया। पीडि़ता ने कहा कि घटना के दिन उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी तो वार्डबॉय से बताया तो उसने गोली दी थी, वह गोली खाने के बाद से उसे कुछ ध्यान नहीं रहा, सिरदर्द कर रहा था। आरोपी ने अपने घर में साथियों के साथ रेप करने के बाद अस्पताल चौराहे के पास छोड़ दिया। जहां वह चलने में असमर्थ थी और गिर गई थी। उसी दौरान एक व्यक्ति बाइक से जा रहा था, उसे घटनाक्रम बताया तो उसने अस्पताल के भीतर तक पहुंचाया था। अस्पताल में रेप की जानकारी देने पर वहां के स्टाफ ने डांटना शुरू कर दिया और कहा कि झूठ बोल रही है। बाद में छुट्टी देकर अस्पताल से रवाना कर दिया गया। पुलिस दोबारा लेकर आई और गैंगरेप की बात को नकारती रही और कहा कि उसे अपने बयान में नहीं लिखाओ।
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