Monday, September 15

रीवा। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नगर निगम की ओर से पुलिस लाइन के पास प्रतिमा स्थापित करने बीते कई दिनों से कार्य चल रहा है। इस पर बुधवार को पुलिस की टीम पहुंची और कार्य को रोक दिया। साथ ही सशस्त्र बलों की तैनाती कर दी गई है। रोक लगाए जाने की जानकारी मिलने के बाद महापौर अजय मिश्रा बाबा सहित कांग्रेस के कई नेता मौके पर पहुंचे और पुलिस के इस रवैए को लेकर नाराजगी जाहिर की।

महापौर ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा है कि स्व. श्रीनिवास तिवारी किसी एक दल के नहीं बल्कि गरीबों, शोषितों और सर्वहारा वर्ग की आवाज थे। उनकी प्रतिमा पर इस तरह रोक लगाना उचित नहीं है, जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मामले में पुलिस का तर्क है कि नगर निगम की ओर से एनओसी के लिए एसएएफ चौराहे के पास का आवेदन किया गया था लेकिन प्रतिमा स्थापना का कार्य पुलिस लाइन चौराहे के पास हो रहा है। जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी चल रही है, वहां पर पुलिस के लिए आवासीय कालोनी प्रस्तावित है।

नगर निगम और पुलिस विभाग के बीच शुरू हुए इस टकराव में राजनीतिक बवाल भी होने की आशंका है। क्योंकि श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस बड़े नेता रहे हैं, इनके समर्थक रीवा सहित पूरे विंध्य में बड़ी संख्या में हैं। आगामी 17 सितंबर को 100वीं जयंती स्व. तिवारी की है, जिस पर पद्मधर पार्क में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के कई राष्ट्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश नेतृत्व और विंध्य के सभी नेता शामिल होंगे। इस वजह से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की गई है।



वर्ष 2018 में परिषद से पारित हुआ था निर्णय
शहर में स्व. महाराजा मार्तंड सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापित करने सर्वसम्मति से प्रस्ताव नगर निगम परिषद ने पारित किया था। 31 मार्च 2018 की बैठक में सभी पार्षदों ने सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव दिया था। उस समय शहर में भाजपा की महापौर और परिषद दोनों थे। प्रस्ताव के कई वर्षों तक इस पर काम नहीं हुआ। कांग्रेस के महापौर अजय मिश्रा ने अपनी पहली एमआईसी में ही दोनों प्रतिमाओं की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कराई। वर्ष 2022 में ही टेंडर जारी हुआ और 20 सितंबर 2023 को कार्यादेश जारी किया गया। ४१ लाख लागत से प्रतिमा निर्माण का कार्य भी देवेन्द्र बाउनी को सौंपा गया है। श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा बनकर तैयार भी हो चुकी है।
—-
नगर निगम के पत्रों का पुलिस ने नहीं दिया जवाब
नगर निगम की ओर से प्रतिमा स्थापित करने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की गई थी। इसके लिए कई पत्र भेजे गए, अन्य विभागों ने अनापत्ति जारी कर दी लेकिन पुलिस की ओर से न तो अनापत्ति और न ही किसी अन्य तरह से सूचना दी गई। निगम के जोनल अधिकारी ने बीते 14 अगस्त, आयुक्त ने 20 अगस्त और महापौर ने 25 अगस्त को कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग उठाई थी। आयुक्त ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि एमपीआरडीसी, विद्युत वितरण कंपनी, लोक निर्माण विभाग आदि की एनओसी प्राप्त हो चुकी है लेकिन पुलिस की ओर से अब तक अप्राप्त है।
————
कई प्रतिमाएं पहले भी बिना एनओसी स्थापित
शहर के मध्य कई प्रतिमाएं पहले से स्थापित हैं। इसमें कुछ को छोड़कर अधिकांश में एनओसी नहीं जारी हुई है। अधिकांश मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर स्थापित हैं, शहर में नगर निगम के नाम सीमित भूमि है। इसलिए संगठनों की मांगों के आधार पर प्रतिमाएं स्थापित की जाती रही हैं। अब पुलिस विभाग के अड़ंगे के बाद उन सभी जगहों की एनओसी की मांग उठने लगी है। कुछ प्रतिमाएं तो सड़कों के किनारे स्थापित कर दी गई हैं, जिनकी वजह से आवागमन भी बाधित होता है।
——————

मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर स्व.श्रीनिवास तिवारी और महाराजा मार्तंड सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। शहर में शासन की भूमि पर निगम पहले से काम करता रहा है। अब पुलिस की ओर से बेवजह रोक लगाई जा रही है। स्व. तिवारी सर्वहारा वर्ग के नेता थे, राजनीतिक साजिश कर उनकी प्रतिमा नहीं रोकी जा सकती। इस पर बड़ा जन आंदोलन खड़ा होगा।
अजय मिश्रा, महापौर
—-

पुलिस विभाग की भूमि पर जहां आवासीय कालोनी स्वीकृत है, वहां पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रतिमा एसएएफ चौराहे के पास स्थापित करने एनओसी के लिए पत्र आया था। इसलिए जब तक कोई निर्णय नहीं होता, काम रोका गया है।
मनीषा उपाध्याय, थाना प्रभारी बिछिया
=====

Share.
Leave A Reply