Nursing students have accused the doctor of ENT department of GMH
रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज के ईएनटी विभाग के डाक्टर मोहम्मद अशरफ के खिलाफ कई दिनों से गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। अलग-अलग चरणों में विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। अस्पताल में भर्ती महिला ने पूरे मामले की पोल खोल दी है। महिला का वीडियो सामने आते ही पर्दे के पीछे से माहौल बनाने वाले बैकफुट पर आ गए हैं।

सीता शर्मा नाम की महिला ने वायरल वीडियो में कहा है कि कुछ दिन पहले वह ईएनटी विभाग में भर्ती थी। उनके हाथ में एक प्रशिक्षु नर्स इंजेक्शन लगा रही थी। वह कई बार प्रयास के बाद भी नहीं लगा पा रही थी। इसी दौरान राउंड पर आए डॉ. अशरफ ने कुछ सवाल पूछे और कहा कि यदि कोई मामला बिगड़ जाएगा तो कौन सा इंजेक्शन लगाएगी। जब वह जवाब नहीं दे पाई और कुछ गलत जानकारी दे रही थी। इसी बीच डाक्टर ने यह भी पूछा कि कौन सी किताब पढ़ती हो। इसके बाद डाक्टर चले गए और प्रशिक्षु नर्स ने इसे अपना अपमान समझा। बाद में उसने डाक्टर के खिलाफ मनगढ़ंत कई आरोप भी लगा दिए।

विद्यार्थी परिषद कार्रवाई की मांग पर अड़ा
छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद भी इस मामले में कूद पड़ा है। मेडिकल कालेज में प्रदर्शन करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने शोरशराबा किया और मांग उठाई कि पहले निलंबन हो फिर जांच की जाए। शोरशराबे के बीच मेडिकल कालेज के सुरक्षाकर्मियों और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई। डीन ने कहा है कि जांच कमेटी गठित है, उसकी रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई होगी।

80 छात्राओं ने सामूहिक आरोप लगाए
नर्सिंग कालेज की 80 छात्राओं ने सामूहिक रूप से आरोप लगाए हैं। इस कारण इनके आरोप और भी कमजोर हो गए हैं। कोई भी डाक्टर इतनी संख्या में सबको प्रताडि़त नहीं कर सकता। कहा जा रहा है कि डाक्टर अशरफ के वार्ड में समय पर ड्यूटी की बाध्यता और मरीजों से सही व्यवहार का दबाव होने की वजह से नर्सिंग छात्राएं उस वार्ड में काम नहीं करना चाहती, इसलिए सुनियोजित साजिश के तहत आरोप लगा दिया। जांच टीम के सामने दोनों पक्ष रखे गए हैं। लापरवाही पर सख्ती के साथ कार्रवाई के लिए डीन और अधीक्षक का निर्देश पहले से सभी डाक्टरों को है, ऐसे में व्यक्तिगत तौर पर किसी गंभीर आरोप से जुड़ा तथ्य शिकायत में नहीं दिया गया है।

डाक्टर की बढ़ती लोकप्रियता खटकी
मेडिकल कालेज में कुछ डाक्टर ऐसे हैं जिन्होंने अपने काम के जरिए मरीजों का दिल जीता है। उसी में डाक्टर अशरफ भी शामिल हैं। कई ऐसे अवसर आए हैं जब गरीबों के पास पैसे नहीं थे तो व्यक्तिगततौर पर उन्होंने मदद की। अपने स्टाफ से रक्तदान करवाकर मरीजों की जान बचाई। हाल ही में कैंसर के भी आपरेशन उन्होंने कर दिए। आयुष्मान योजना के मरीजों को भी सरकारी अस्पताल में बड़ी सुविधाएं मिल रही हैं। ऐसे में अस्पताल के कुछ डाक्टर ही पर्दे के पीछे से उनके विरोध में खड़े हो गए हैं।

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