Monday, September 15

रीवा। भाजपा की सदस्यता निधि को लेकर एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक शिकायती पत्र में पूर्व जिला अध्यक्ष  डॉ. अजय सिंह पर निधि से लाखों रुपए गलत तरीके से आहरित करने और अपने करीबी लोगों के खातों में राशि ट्रांसफर कराने के गंभीर आरोप लगे हैं। पत्र भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को संबोधित बताया जा रहा है।

हालांकि यह पत्र पुराना बताया जा रहा है, क्योंकि इसमें उल्लेख है कि अजय सिंह के अध्यक्ष बनने के 20 महीने पूरे हो चुके हैं। जबकि वे अब पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पदमुक्त हो चुके हैं। दिलचस्प यह है कि ऐसा ही एक पत्र वर्ष 2022 में भी वायरल हुआ था, जिस पर पार्टी की ओर से जांच बैठाई गई थी।

 करोड़ों की सदस्यता निधि पर सवाल

पत्र में दावा किया गया है कि वर्ष 2021 में भाजपा मुख्यालय ने रीवा जिला इकाई को एक करोड़ रुपए की आजीवन सदस्यता निधि का लक्ष्य दिया था, जिसे कार्यकर्ताओं ने पूरा भी कर लिया था। नियम अनुसार इसका 50 प्रतिशत हिस्सा जिले को मिलता है, जिसमें 30 लाख की राशि तत्काल मिली। आरोप है कि इसमें से 21 लाख रुपए का आहरण गलत तरीके से किया गया—13 लाख नकद और आठ लाख रुपए कथित तौर पर पदाधिकारियों के खातों में ट्रांसफर।  शिकायत में यह भी कहा गया है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ  तब भी फर्जी कार्यक्रम दिखाकर भुगतान लिया गया। यहां तक कि उस समय की पार्टी की रूटीन ऑडिट रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख हुआ था।

  राजनीतिक पृष्ठभूमि भी जुड़ी चर्चा से

डॉ. अजय सिंह छात्र राजनीति से सीधे जिला अध्यक्ष बनाए गए थे। उनका कार्यकाल लगातार विवादों में रहा। चुनावी टिकट वितरण के समय भी उनके खिलाफ विरोधी पत्र वायरल होते रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी प्रदेश कार्यकारिणी में दावेदारी के चलते फिर से पुरानी शिकायतें उछाली जा रही हैं।

 पार्टी की ओर से इंकार

वर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष  वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई है। यदि किसी को आपत्ति है तो पार्टी फोरम पर कहना चाहिए, पत्र वायरल करना ठीक नहीं है। वहीं, पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा यह पत्र फर्जी है, तीन साल पहले भी वायरल हुआ था। यदि ऐसे आरोप सही होते तो पार्टी हमें पांच साल तक पद पर नहीं रखती। हर खर्च भोपाल से मॉनिटर होता है। यह सब काल्पनिक बातें हैं।

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