Tension still prevails in Gadara village Mauganj  even after two months, CBI probe required
रीवा। मऊगंज जिले के गडऱा गांव में दो महीने से लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। वहां पर अब भी धारा 163 प्रभावी है। पूर्व में हुए घटनाक्रमों पर सीबीआई जांच कराए जाने की मांग उठाई गई है। मऊगंज के कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने संभागायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और कहा है कि गांव में शांति बहाली के लिए कदम उठाए जाएं।

पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद्मेश गौतम सहित अन्य ने सीबीआई जांच कराने का ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि गडऱा गांव के निवासी अशोक कोल की मौत 20 जुलाई 2024 को हुई थी। उसके बाद से गांव में दो पक्षों में तनाव बढ़ा है। इसी रंजिश की वजह से गांव के युवक सनी द्विवेदी और पुलिसकर्मी रामचरण गौतम की हत्या कर दी गई थी। तब से लगातार गांव में धारा 163 लगाई गई है। पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना ने कहा कि दो महीने पहले गांव में हिंसा फैली थी, उसके बाद से अब तक गांव के करीब 200 से अधिक लोग लापता हैं।

पुलिस की ओर से भी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि इस घटनाक्रम में कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गांव में धारा 163 प्रभावी होने के बावजूद बस्ती में एक व्यक्ति और उसके दो बच्चों का घर के भीतर शव पाया गया था। इसकी भी जांच में अब तक मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है।

पूर्व विधायक ने कहा कि उनकी ओर से मऊगंज कलेक्टर से पहले भी सीबीआई जांच की मांग की गई थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी सीबीआई जांच के लिए पत्र लिख चुके हैं। गांव में दो महीने पहले घटना के समय जैसे हालात वैसे ही आज भी हैं। गांव में लोगों की आवाजाही पर रोकटोक की जा रही है। गांव के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो मजबूर होकर सड़क पर आंदोलन भी करना पड़ेगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान कांग्रेस नेता केपी सिंह परिहार, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी, विक्रम सिंह, अमित सिंह, जितेन्द्र मिश्रा, राजेन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।

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