Tuesday, December 23

Mauganj case updates 

रीवा. मऊगंज जिले के गडऱा कांड में जिन आरोपियों की तलाश में पुलिस जगह-जगह दबिश देते घूम रही थी वे अपने घर में ही छिपे थे। लेकिन गांव में तैनात पुलिस को इसकी भनक दो दिन तक नहीं लगी। सोमवार रात पुलिस को आरोपियों के गांव में होने की सूचना मिली जिस पर नईगढ़ी थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में भारी पुलिस बल गांव भेजा गया। पुलिस ने घरों के ताले तोडकऱ तलाशी ली तो उसके होश उड़ गए। आरोपी घर की अटारी, बाथरूम में छिपे हुए थे। घरों की तलाशी लेने पर 15 लोग हाथ लग गए। सभी आरोपियों को थाने लाकर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। घटना के बाद पुलिस यही मान रही थी कि सभी आरोपी घर में ताला बंद कर फरार हो गए हैं लेकिन वे बाहर से ताला बंद करवाकर अंदर ही छिपे थे।
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पुलिस के पहुंचने के एक घंटे पहले निकल गई महिला
पुलिस ने एक महिला की तलाश में सोमवार रात चिरैया गांव में दबिश दी, जहां मुख्य आरोपी विनोद कोल का ननिहाल है। वहां घटना में शामिल महिला छिपी थी। जब पुलिस पहुंची तो उसके एक घंटे पहले महिला घर से निकल गई थी जिससे पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। मंगलवार को पुलिस फिर गांव पहुंची तो वहां कई घरों में ताले लटकते मिले।

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एसडीओपी बोलीं, खुद के साथ शव को सुरक्षित करने बंद किया था दरवाजा

घटना के समय एक घंटे तक बंधक रही एसडीओपी अंकिता सुल्या ने कैमरे के सामने आकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी और हम परिजनों से बातचीत कर रहे थे। आरोपी इस शर्त पर दरवाजा खोलने को राजी हुए कि हम युवक को जेल भेजेंगे। जब हम कमरे के अंदर गए तो युवक की मौत हो चुकी थी। बाहर थाना प्रभारी कुछ आरोपियों को पकडकऱ थाने भिजवा रहे थे। तभी बाहर पुलिस टीम पर हमला हो गया। खुद के साथ स्टाफ और युवक के शव को सुरक्षित करने के लिए हमने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया तो आरोपियों ने बाहर से ताला बंद कर दिया। वे शर्त रख रहे थे कि पहले आरोपियों को छोड़ा जाए तो वे हमे छोड़ेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को हटाया। सभी लोग कमरे से सुरक्षित बाहर निकले और युवक के शव को भी बाहर लेकर आए।

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