Saturday, July 19

रीवा। शहर के गुलाब नगर मोहल्ले में संचालित एक निजी स्कूल में उस समय अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब वहां पर एक तेंदुए को देखा गया। उस दौरान छात्र स्कूल में मौजूद नहीं थे लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने उसे बाघ समझा और दहशत में आ गए। इसकी सूचना पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने देखने के बाद बताया कि तेंदुआ है। स्कूल परिसर से सभी कर्मचारियों को बाहर निकाला गया और रेस्क्यू का प्रयास किया गया। पहले तो पिजरे में बंद करने का प्रयास किया, उसमें जब सफलता नहीं मिली तो मुकुंदपुर के चिडिय़ाघर से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। जहां पर देर शाम ट्रेंकुलाइज कर तेंदुए को बाहर निकाला गया। तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें वह पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया। इस कारण मुकुंदपुर चिडिय़ाघर के रेस्क्यू सेंटर भेजने के बजाए जंगल में छोडऩे का निर्णय लिया गया। वन विभाग की टीम उसे लेकर जैसे ही जंगल की ओर रवाना हुई। करीब १५ मिनट के बाद पिजरे के भीतर ही उसे होश आ गया और वह हरकत करने लगा। इसलिए जंगल ले जाकर छोडऩे में भी अधिक समय का इंतजार नहीं करना पड़ा। जिन जानवरों को ट्रेंकुलाइज की बाद देर से होश आता है, उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार भी किया जाता है। शहर के इनोवेटिव स्कूल में घुसे तेंदुए का रेस्क्यू करने में करीब छह घंटे से अधिक का समय लगा। इसमें करीब २५ से अधिक वनकर्मियों की रेस्क्यू टीम के साथ पुलिस बल मौजूद रहा। इस घटनाक्रम से गुलाब नगर सहित अन्य कई मोहल्लों में लोग दहशत में रहे। स्कूल परिसर के आसपास तो जब तक तेंदुए को लेकर टीम रवाना नहीं हुई तब तक लोगों के मन में डर बना रहा।
तेंदुओं की संख्या बढऩे से शहर के आसपास के गांवों में इनका मूूवमेंट बना रहता है। रीवा शहर में तेंदुआ किस रास्ते से पहुंचा अभी यह पता नहीं चल पाया है। बीहर और बिछिया नदियों का किनारा पकड़कर जंगली जानवर शहर के भीतर तक पहुंचते रहे हैं। शहर के जिस हिस्से में तेंदुआ देखा गया वहां से कुछ ही दूरी से नहर भी निकलती है। इसलिए माना जा रहा है कि गड्डी पहाड़ की ओर से यह तेंदुआ शहर में पहुंचा है। इस तेंदुए की उम्र करीब पांच से छह वर्ष की मानी गई है।

वनकर्मी को झपटा मारकर किया घायल
तेंदुए की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी कुछ ही समय पर मौके पर पहुंच गए। तेंदुए को देखने का प्रयास वनकर्मी कर ही रहे थे इसी बीच तेंदुए ने झपटा मार दिया। जिसमें वन विभाग का चालक जख्मी भी हो गया है। साथ में मौजूद अन्य वनकर्मियों तुरंत उसे दूसरे हिस्से के कमरे में घुसने के बाद बाहर से गेट बंद कर दिया। इस घटना के चलते पूरी टीम सतर्क रही और इसी वजह से ट्रेंकुलाइज करने में भी समय लग गया।
—-

शहर के गुलाब नगर स्थित स्कूल परिसर में तेदुआ घुसने की सूचना मिली थी। मौके पर टीम पहुंच गई थी, मुकुंदपुर से भी चिकित्सक एवं अन्य विशेषज्ञों को बुलाया गया था। तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर बाहर निकाला गया, वह स्वस्थ था इसलिए जंगल में छोड़ दिया है।
अंबुज नयन पांडेय, वन परिक्षेत्राधिकारी रीवा

Share.
Leave A Reply