Tuesday, December 23

 Eow fir Rewa
रीवा। मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी तौर पर अभिलेख तैयार कर धोखाधड़ी और भूमि की बिक्री करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व में आई शिकायत की जांच के बाद अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया है। कुछ दिन पहले दो पक्षों ने इस मामले में अपना दावा प्रस्तुत किया था और जिला प्रशासन के सामने भी मामला पहुंचा था। इस प्रकरण में राजस्व विभाग, पंजीयन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है। उसे भी जांच के दायरे में रखा गया है। कुछ समय पहले ही शिकायतकर्ता माण्डवी सिंह एवं शिवेन्द्र विक्रम सिंह ने ईओडब्ल्यू में आवेदन देकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया था। जिसमें दिग्विजय सिंह निवासी ग्राम डिली गिरधर तहसील मिल्कीपुर जिला अयोध्या (उत्तर प्रदेश) के विरुद्ध शिकायत की गई थी कि उनके पिता शिवाजी सिंह द्वारा ग्राम रतहरा तहसील हुजूर जिला रीवा में वर्ष 1972 में 30 एकड़ जमीन क्रय की थी। वर्ष 2014 में उनकी मृत्यु हो गई थी। मृत्यु के बाद दिग्विजय सिंह पिता राम अवध सिंह निवासी ग्राम डिली गिरधर तहसील मिल्कीपुर जिला अयोध्या ने अन्य लोगों के साथ षडय़ंत्र कर फर्जी अभिलेख तैयार कर भूमि विक्रय की जा रही है। शिकायत के सत्यापन के बाद ईओडब्ल्यू ने पाया है कि शिकायतकर्ता के पिता शिवाजी सिंह निवासी डढिय़ामई मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) द्वारा ग्राम रतहरा तहसील हुजूर (नगर) जिला रीवा में 30 एकड़ भूमि को रजिस्ट्री के माध्यम से 21 अप्रेल 1972 को क्रय किया था।
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11 वर्ष पहले मृत व्यक्ति के नाम बनाया दस्तावेज
शिकायतकर्ता के पिता शिवाजी सिंह की मृत्यु 11 जनवरी 2014 को हो चुकी है। मृत्यु के बाद रीवा निवासी राजेन्द्र सिंह व अन्य लोगों ने मिलकर षडय़ंत्र पूर्वक भूमि हड़पने के लिए दिग्विजय सिंह द्वारा शिवाजी सिंह के नाम फर्जी दस्तावेज बनवाकर शिवाजी सिंह के नाम पर ग्राम रतहरा जिला रीवा स्थित 30 एकड़ भूमि का फर्जी मालिकाना प्राप्त कर वर्ष 2014 से 2024 तक कई व्यक्तियों को विक्रय किया गया है। इस कारण ईओडब्ल्यू ने दिग्विजय सिंह के साथ ही राजेन्द्र सिंह राज निवासी गुढ़ चौराहा रीवा एवं अन्य संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध धारा 120बी, 419, 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत नियमित अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
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पांच एकड़ भूमि की हो चुकी है बिक्री
जांच के दौरान पता चला है कि जिस भूमि के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है, वह शहर के प्राइम लोकेशन में है और न्यू बस स्टैंड के पास है। इस 30 एकड़ भूमि में अब तक आरोपियों ने 5 एकड़ भूमि की बिक्री कर डाली है। जिसमें करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि भी हासिल कर चुके हैं। इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका को भी जांचा जाएगा।
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