रीवा। मेडिकल कालेज के गांधी स्मारक अस्पताल में एक बार फिर चिकित्सकों की टीम ने जटिल आपरेशन को सफलता पूर्वक पूरा किया है। इसमें मरीज पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया है, उसे अब तक किसी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है। डॉक्टरों की टीम ने नैसोफैरिन्जियल एंजियोफाइब्रोमा नामक दुर्लभ और खतरनाक ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया है, जो मरीज के मस्तिष्क तक फैल चुका था। यह ट्यूमर अत्यधिक रक्तस्त्राव के लिए जाना जाता है और यदि समय रहते इलाज न किया जाता तो मरीज के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता था।
बताया गया है कि जिले के बड़ी गोरगी गांव के निवासी राजबहोर साकेत के पुत्र पुष्पेन्द्र कुमार(16) को उपचार के लिए रीवा लाया गया था। यहां मरीज की जांच के बाद पता चला कि उसे ऐसा ट्यूमर है जो कैंसर के साथ ही अन्य तरह का खतरा उत्पन्न कर सकता है। ईएनटी विभाग पहुंचे इस केस में नए सिरे से डाक्टर्स ने अध्ययन किया और आपरेशन की तैयारी की। इस ट्यूमर को एंडोस्कोपिक फोर-हैंड तकनीक से निकाला गया, जो एक उन्नत एवं बेहद जटिल सर्जिकल प्रक्रिया मानी जाती है।
उल्लेखनीय बात यह रही कि सर्जरी पूरी तरह एंडोस्कोपिक माध्यम से की गई, जिससे मरीज के चेहरे पर कोई भी चीरा नहीं आया, और उसका सौंदर्य भी सुरक्षित रहा। चिकित्सकों के अनुसार यह ट्यूमर स्टेज-4 पर था, क्योंकि इसका कुछ हिस्सा ब्रेन तक फैल चुका था। इतना ही नहीं, ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव की आशंका को देखते हुए डॉक्टरों ने स्वयं रक्तदान कर इंसानियत और सेवा भावना का परिचय दिया। मरीज के परिजनों ने डाक्टरों को बताया कि उनके बच्चे के लिए कोई रक्तदान करने को तैयार नहीं है।
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बेहोश हो जाता था बच्चा
मरीज पुष्पेन्द्र के पिता राजबहोर ने बताया कि बच्चे की हालत लगातार बिगड़ रही थी, उसके नाक से खून बह रहा था और वह अक्सर बेहोश हो जाता था। उन्हें ठीक होने की उम्मीद नहीं दिख रही थी। गांधी स्मारक अस्पताल के डाक्टरों ने उनकी मदद की है। अस्पताल में आपरेशन के लिए राजी होने के साथ ही जूनियर डाक्टरों ने रक्तदान भी किया। मरीज के परिजनों ने डाक्टरों के सहयोग पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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ईएनटी विभाग के डाक्टर्स ने किया आपरेशन
अस्पताल आए मरीज को नैसोफैरिन्जियल एंजियोफाइब्रोमा नामक खतरनाक ट्यूमर था। इसका असर मस्तिष्क पर भी पडऩे की आशंका थी। ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. मोहम्मद अशरफ, डॉ. अभिषेक पाटीदार, डॉ. खुमा, डॉ. शीतल सोनी, डॉ. प्रिया प्रकाश, डॉ. आकांक्षा के साथ ही एनेस्थीशिया की डॉ. निवेदिता, डॉ. प्रियंका, डॉ. प्रवलिका, डॉ. अंजलि आदि शामिल रहे। डॉ. अशरफ ने बताया कि ईएनटी से जुड़े अब जटिल आपरेशन जीएमएच में होने लगे हैं। इसके पहले कैंसर को दो मरीजों का सफलता पूर्वक आपरेशन हुआ था। ऐसे आपरेशन में मरीज को खतरा होने की आशंका होती है।