जबलपुर. हाईकोर्ट ने रीवा कलेक्टर सहित अन्य से पूछा है कि उपार्जन केंद्रों से कम्प्यूटर ऑपरेटरों की सेवाएं कैसे पृथक की गईं? जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की सिंगल बेंच ने रीवा कलेक्टर सहित अन्य काे नोटिस जारी किए हैं।
रीवा निवासी विनय मिश्रा सहित अन्य की ओर से अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि राज्य शासन की उपार्जन नीति के अंतर्गत उपार्जन केंद्रों में संलग्न कम्प्यूटर ऑपरेटरों को उपार्जन प्रक्रिया से पृथक व प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल, उपार्जन नीति के अनुसार उपार्जन में संलग्न सहकारी सोसायटी के माध्यम से याचिकाकर्ताओं को उपार्जन केंद्रों में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर संविदा में संलग्न किया था। कलेक्टर रीवा किसानों के पंजीयन मनमाने तरीके से निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही गेहूं उपार्जन में अनियमितता के आरोपी कम्प्यूटर ऑपरेटर पुनः उपार्जन केंद्रों में पदस्थ होकर उपार्जन में अनियमितता कर सकते हैं, इस आशंका के साथ याचिकाकर्ताओं को उपार्जन कार्य से पृथक किया गया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार उक्त आदेश बेबुनियाद आशंका से ग्रस्त है। एक सामान्य शिकायत के आधार पर ऐसा करना अनुचित है। आपत्ति का बिंदु यह भी है कि याचिकाकर्ताओं को नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के अनुरूप सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया।
हाईकोर्ट ने रीवा कलेक्टर सहित अन्य से मांगा जवाब
उपार्जन केंद्रों से कम्प्यूटर ऑपरेटरों की सेवा कैसे पृथक की?