Gang rape case rewa

रीवा। जिले के प्रसिद्ध पिकनिक स्पाट भैरव बाबा में दर्शन के लिए पहुंची नवविवाहित युवती को आठ दोषियों ने बंधक बनाकर गैंगरेप किया था। जिन्हें अब अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गुढ़ थाना क्षेत्र में हुई इस वारदात में सभी 8 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनके विरुद्ध दोष सिद्ध पाए जाने के बाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आरोपी ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे रहेंगे।

रीवा जिले के गुढ़ थाना क्षेत्र की भैरव बाबा पहाड़ी पर हुई दरिंदगी की घटना के 133वें दिन रीवा के जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है। वारदात के समय आरोपियों ने पीडि़ता के पति को बंधक बनाकर उसके सामने ही गैंगरेप किया था। न्यायालय में 24 साक्षियों के कथन कराए गए। पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। कोर्ट ने साक्षियों के कथन और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों पर अपराध सिद्ध पाया। प्रत्येक आरोपी पर 2.30 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है। अर्थदण्ड की राशि से पीडि़ता को 16 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का आदेश कोर्ट ने जारी किया है।
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इन आरोपियों को हुई कारावास की सजा
इस घटना में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें 5 ने महिला के साथ बलात्कार किया था। आरोपियों में रामजी कोरी पिता रामकुमार कोरी, रावेश गुप्ता पिता रामावतार गुप्ता निवासी वार्ड 8 गुढ़, गरुण कोरी पिता रामदरश कोरी, लवकुश कोरी पिता बिहारीलाल कोरी निवासी जोरौट थाना नईगढ़ी, राजेंद्र कोरी पिता शिवचरण कोरी व दीपक कोरी पिता शिवचरण कोरी निवासी गुढ़, सुशील कोरी पिता गजाधर कोरी निवासी खुखड़ा थाना रामपुर बघेलान जिला सतना, रजनीश कोरी पिता रामभान कोरी शामिल हैं।
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यह था पूरा मामला
21 अक्टूबर 2024 को पीडि़ता अपने पति के साथ गुढ़ थाना क्षेत्र की पहाड़ी पर घूमने गई थी। वहां आरोपी शराबखोरी करने के बाद नहा रहे थे। दोनों लोग ऊपर पहाड़ी पर फोटो खिंचवाने लगे, तभी आरोपी उन पर टूट पड़े। पहले तो पति के साथ जमकर मारपीट की और उसको रस्सी से बांध दिया। बाद में महिला के साथ 5 आरोपियों ने बारी-बारी से बलात्कार किया। मारपीट में पति को काफी चोट आई थी। 22 अक्टूबर को दंपती घटना की शिकायत दर्ज करवाने थाने पहुंचा था। मामले में आरोपी गरुण कोरी वीडियो बना रहा था और खुद को मीडिया प्रभारी बता रहा था, जिस पर न्यायालय ने ज्यादा अर्थदंड लगाया है।
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38 दिन में जांच, 95 दिन में सुनवाई पूरी
सनसनीखेज मामले को पुलिस ने चिह्नित अपराधों में शामिल किया था। 21 अक्टूबर  2024 को घटना हुई थी और करीब 38 दिन के अंदर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच पूरी की। 30 नवम्बर को चालान सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया था। 12 दिसम्बर को प्रकरण सुनवाई के लिए चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय में पहुंचा। 19 दिसम्बर को अभियोजन ने आरोप तय किए और 8 जनवरी को साक्ष्य सूची पेश की गई। 16 जनवरी से साक्षियों की गवाही न्यायालय में शुरू हुई। करीब दो माह में 24 साक्षियों की गवाही हुई और उसके बाद न्यायालय ने लगभग 81 दिन में पूरे प्रकरण की सुनवाई कर फैसला सुना दिया।

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विवेचना में शामिल टीम का सम्मान
कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने प्रकरण की विवेचना में शामिल पुलिसकर्मियों और अभियोजन से जुड़े लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
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