cooperative election 2025
रीवा। जिले में कृषि सहकारी समितियों के चुनाव की संभावनाएं एक बार फिर से बढऩे लगी हैं। करीब 12 वर्षों से समितियों के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है। सरकार की ओर से कई बार चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ कराई गई लेकिन इसे बीच में ही रोका जाता रहा है। हाल के दिनों में यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया था। जिस पर कई विधायकों ने चुनाव कराए जाने की मांग उठाई थी। सरकार ने उस दौरान तो फिलहाल चुनाव कराने की योजना से इंकार किया था लेकिन अब विभागीय स्तर पर इसकी प्र्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने जिलों को अलर्ट करते हुए कहा है कि मतदाता सूची की प्रक्रिया शुरू कराएं और निर्धारित अवधि के पहले ही इसे दुरुस्थ करें। कहा गया है कि समितियों में चुनाव की प्रक्रिया आगामी पांच मई से सितम्बर तक चलेगी। इस संबंध में सहकारिता के अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन को भी जानकारी दी गई है। जिला सहकारी बैंक मर्यादित रीवा के क्षेत्र में रीवा-मऊगंज जिले में 148 प्राथमिक कृषि शाख सहकारी समितियां हैं। इसमें अधिकांश समितियां कालातीत हैं, जिसकी वजह यहां पर चुनाव हो पाएगा या नहीं। नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करने के दौरान ही स्थिति स्पष्ट होगी।
– 14 मई को सूची का प्रकाशन
समितियों के चुनाव को लेकर जारी किए गए निर्देश के तहत मतदाता सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। पांच मई से अधिसूचना जारी होगी, 14 मई को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। यदि सबकुछ ठीक रहा तो सितम्बर तक समिति और बैंक में संचालक मंडल का गठन हो जाएगा।
– कई बार प्रक्रिया के बाद स्थगित हुआ चुनाव
सहकारी समितियों का चुनाव कराने की प्रक्रिया इसके पहले कई बार अपनाई गई। इसे बीच में ही हर बार रोका जाता रहा है। पांच वर्ष के लिए चुने जाने वाले संचालक मंडल का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। इसके पहले समितियों में वर्ष 2013 में चुनाव हुए थे। इनमें वर्ष 2018 में नए सिरे से चुनाव होना था। उस समय विधानसभा चुनाव फिर लोकसभा चुनाव के चलते स्थगित किया गया। बीच में सरकार पलट गई और कोरोना काल की वजह से चुनाव नहीं हुए। बीते साल जून महीने में भी निर्देश आया था लेकिन उसे भी आधी प्रक्रिया के बीच में ही रोका गया।
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प्रशासकों का बढ़ा रहे कार्यकाल
निर्धारित समय पर सहकारी समितियों का चुनाव नहीं होने की वजह से वहां पर प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। नियम है कि सहकारी संस्थाओं में प्रशासक का कार्यकाल 2 साल से अधिक नहीं हो सकता, लेकिन रीवा सहित पूर प्रदेश में पिछले ७ साल से सभी सहकारी संस्थाएं प्रशासकों के अधीन हैं। पहले सरकार चुनाव कराने को तैयार नहीं थी। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं। कोर्ट का भी निर्देश है और विधानसभा में भी मामला उठा है। जिसके चलते अब फिर से प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
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चुनाव की प्रक्रिया ऐसे चलेगी
अधिसूचना के पहले दिन प्रशिक्षण, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति एवं जिला निर्वाचन समन्वयक को सूची सौंपी जाएगी। इसके बाद सूची का प्रकाशन, दावा-आपत्तियों की जांच और निराकरण, अंतिम सूची प्रकाशन, आम सभा की सूचना, नामांकन पत्र लिया जाना, विशेष साधारण सम्मेलन में मतदान एवं मतगणना का कार्यक्रम, इसके बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। साथ ही अन्य संस्थाओं के लिए भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों का चुनाव कराया जाएगा।
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