Wednesday, December 24

रीवा। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के शहर रीवा में दवा दुकानों में नकली दवाइयां बेची जा रही हैं। इसमें डाक्टरों की मिलीभगत शामिल है। इसका खुलासा एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले व्यवसाई ने किया है। मेडिकल स्टोर संचालित करने वाले दुकानदार के इस बयान ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया। जिसके चलते आनन-फानन में प्रशासन की टीम ने संबंधित के यहां छापामार कार्रवाई करते हुए दुकान को सील कर दिया है। प्रदेश भर में नकली दवाओं को लेकर चल रही कार्रवाई के बीच इस घटनाक्रम ने बाजार में नकली दवाओं को लेकर एक नए सवाल को जन्म दिया है।
संजयगांधी अस्पताल के सामने स्थित अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर के संचालक बलवीर द्विवेदी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह खुले तौर पर आरोप लगाते सुने गए हैं कि रीवा के डाक्टर नकली दवाएं लिखते हैं और वह खुद बेच रहे हैं। इन दवाओं का बड़ा स्टाक उनके पास मौजूद है। दुकानदार ने यह भी कहा कि 50 रुपए की दवाएं 300 रुपए में बेची जा रही हैं। लोग अब आते हैं तो उन्हें लगता है कि कहीं नकली दवाएं तो नहीं दी जा रही,इसलिए सवाल भी करते हैं। कुछ डाक्टरों का नाम लेकर दुकानदार ने कहा कि ये खुलेआम जनता को लूटने का काम कर रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही कलेक्टर ने संज्ञान लिया और सीएमएचओ के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच के लिए निर्देशित किया। मौके पर पहुंची जांच टीम ने वायरल वीडियो के दावों के तहत कई दवाओं के सेंपल लिए और दुकान को सील कर दिया है। जांच टीम ने कहा है कि जो भी आरोप सामने आए हैं उन सबकी जांच बिन्दुवार होगी और जांच पूरी होने तक दुकान बंद रहेगी।

सर्जिकल दवाओं में सबसे अधिक कमीशन
वायरल वीडियो में मेडिकल स्टोर संचालक ने कहा है कि सबसे अधिक कमीशन सर्जिकल दवाओं में होता है। इसलिए कई डाक्टर ऐसी दवाएं लिखते हैं, कुछ कंपनियां हैं जो अधिक कमीशन देती हैं। दुकानदार ने दावा किया कि उनके पास भी इस तरह की नकली दवाएं मौजूद हैं और वह डाक्टर के लिखे पर्चे के अनुसार बेच रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि जेनरिक दवाएं कम रेट पर आती हैं लेकिन वह फायदा नहीं करती।

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मेडिकल कालेज को भी होती है सप्लाई
प्रशासन की टीम ने जिस अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है, वह श्यामशाह मेडिकल कालेज के संबद्ध अस्पतालों में दवाओं की सप्लाई करता है। ऐसे में दुकानदार द्वारा यह दावा करना कि उनके यहां बड़ी मात्रा में नकली दवाएं मौजूद हैं, और वह लगातार बेच भी रहे हैं। इस दावे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्योंकि हजारों की संख्या में लोगों को दवाएं की जा रही हैं और यदि मेडिकल दुकान से नकली दवाएं सप्लाई हो रही हैं तो सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज भी नकली दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है, आनन-फानन में मेडिकल कालेज प्रबंधन ने बैठक की और अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर को जारी किए गए क्रय आदेशों की पड़ताल की गई। बाद में संजयगांधी अस्पताल प्रबंधन की ओर से दावों का खंडन किया गया और कहा गया कि जो भी दवाएं खरीदी गई हैं वह एनएबीएल के मानकों के अनुसार रही हैं। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी कहा है कि मध्यप्रदेश भंडार क्रय अधिनियम 2022 के तहत जारी निविदा में स्वीकृत मानकों के अनुसार ही पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है।
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कार्रवाई के बाद दुकानदार ने लिया यूटर्न
मेडिकल स्टोर सील किए जाने के बाद दुकानदार बलवीर द्विवेदी ने कहा है कि उनकी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने इतना कहा है कि आजकल लोग दवाएं लेने आते हैं तो पूछते हैं कि असली है या फिर नकली। यह जरूर है कि सर्जिकल आयटम में अधिक डिस्काउंट मिलता है। डाक्टरों के लिए कहे गए अपशब्दों को लेकर भी द्विवेदी ने कहा कि उनकी ओर से कोई बात नहीं की गई है। बीपी के मरीज हैं तो कई बार आवेश में कुछ बातें निकल जाती हैं। वीडियो में जो दावा है वह सही नहीं है।
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वायरल वीडियो के आधार पर कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम गठित हुई है और अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर की जांच की गई है। कुछ सेंपल लिए गए हैं और वीडियो में दावों के अनुसार जांच की जा रही है। जब तक जांच प्रक्रिया चलेगी तब तक के लिए दुकान को सील कर दिया गया है।
डॉ. संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा
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डाक्टरों द्वारा नकली दवाएं लिखने का आरोप निराधार है। संबंधित व्यक्ति ने इसकी पहले कोई शिकायत नहीं की है और न ही अब कोई सबूत पेश किया है। अस्पताल में दवाएं सप्लाई की बात जहां तक है वह निर्धारित निविदा प्रक्रिया के तहत होती है। पूर्व में जो भी दवाएं अस्पताल आई हैं, उन सबकी जांच के बाद ही उपयोग किया गया है। अस्पताल के चिकित्सकों को जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश शासन की ओर से प्राप्त है।
डॉ. राहुल मिश्रा, संयुक्त संचालक संजयगांधी अस्पताल रीवा

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