रीवा। मेडिकल कालेज सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टर्स हड़ताल की राह पर हैं। गुरुवार को मेडिकल कालेज के डाक्टर्स एकत्र हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। मेडिकल टीचर एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. पुष्पेन्द्र शुक्ला ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसम्बर 2024 के अपने आदेश में 2 सप्ताह में हाई पॉवर कमेटी का गठन एवं उससे अगले 2 सप्ताह में डॉक्टर्स के मुद्दे सुलझाने का आदेश दिया था जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। मांग उठाई जा रही है कि कमेटी का गठन कर सभी घटक संगठनों को शामिल किया जाए।

मध्य प्रदेश कैबिनेट से पारित समयमान वेतनमान का अभी तक कई चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है। कई जगह इसके जो आदेश जारी हुए वह भी त्रुटिपूर्ण है। कैबिनेट से स्वीकृत बिन्दु पर विभागीय आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं। कैबिनेट द्वारा 4 अक्टूबर 2023 में पारित आदेश में सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाना था, एनपीए की गणना सातवें वेतनमान के अनुरूप करना है। एमपीपीएचसीएल द्वारा सप्लाई की गई कई दवाएं अमानक पाई गईं हैं जिनका उपयोग आपरेशन थिएटर और आईसीयू में भी होता है। इसके बाद भी निर्माताओं पर कार्रवाई नहीं की गई है। कोलकाता के आरजीकार मेडिकल कॉलेज में हुई दु:खद घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने का कोई प्रयास नहीं हुआ।

विभाग में तकनीकी विशेषज्ञ के स्थान पर नए आदेश कर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से प्रदेश की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था अधर में जा चुकी है। इसलिए प्रशासनिक दख़लंदाज़ी ख़त्म होनी चाहिए। डॉ. शुक्ला ने बताया कि कोर्ट के निर्णय और प्रदेश कैबिनेट से पारित आदेश की अवहेलना की जा रही है, जिसकी वजह से प्रदेशभर के डाक्टर्स हड़ताल पर जाने को बाध्य हैं। इस दौरान डॉ. मनोज इंदुरकर, डॉ. अवतार सिंह यादव, डॉ. पीके लखटकिया, डॉ. केडी सिंह, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. हरिओम गुप्ता, डॉ. मंजर उस्मानी, डॉ. गीता त्रिपाठी, डॉ. आदेश पाटीदार सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
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अमानक दवाओं की जलाएंगे होली
चरणबद्ध तरीके से शुरू किए गए आंदोलन के तहत पहले दिन काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया गया और अपनी बात मीडिया के सामने रखी गई। अगले चरण में अब 21 फरवरी को अमानक दवाओं की सांकेतिक होली जलाई जाएगी। 22 जनवरी को प्रदेशव्यापी उपवास किया जाएगा। इस बीच आदेश जारी नहीं होंगे तो 24 फरवरी से बड़े आंदोलन की शुरुआत कर दी जाएगी।
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