रीवा। लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर कर्चुलियान, में बड़ी कार्रवाई करते हुए बीएमओ डॉ. कल्याण सिंह एवं सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी को 8 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता जयप्रकाश गुप्ता निवासी हटवा, तहसील रायपुर कर्चुलियान ने बीते 9 अक्टूबर को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में आवेदन प्रस्तुत किया था।
आवेदन में उल्लेख था कि दोनों आरोपी अधिकारी फस्र्ट एड क्लिनिक चलाने की अनुमति देने के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जिसमें दो हजार रुपए पहली किस्त के रूप में ले चुके थे और शेष राशि के लिए लगातार फोन कर दबाव बना रहे थे। दीपावली के पहले ही पूरी रकम की मांग की जा रही थी, लेकिन बाद में विभागीय व्यस्तता बताते हुए कुछ दिन के लिए मामले को टरका दिया।
सुपरवाइजर के माध्यम से शिकायतकर्ता को रायपुर कर्चुलियान बुलाया गया, जहां पर आठ हजार रुपए डॉ. कल्याण सिंह ने लिए और सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी को गिनने के लिए दिया। जैसे ही वह रुपए गिन ही रहा था कि अचानक लोकायुक्त की टीम के अधिकारी पहुंच गए और हाथ पकड़ लिया। दोनों आरोपी खुद को निर्दोष बताते हुए जबरन रुपए देने का आरोप लगाने लगे लेकिन लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत मांगे जाने के पहले से कई सबूत उपलब्ध हैं।
लोकायुक्त पुलिस टीम में उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार, निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया एवं स्वतंत्र शासकीय गवाह मौजूद रहे। दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन अधिनियम 2018) की धारा 7 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। लोकायुक्त टीम द्वारा आगे की विवेचना जारी है।
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फस्र्ट एड के नाम पर पूरा क्लीनिक चलाने की छूट का आश्वासन था
शिकायतकर्ता से बीएओ डॉ. कल्याण सिंह एवं सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी ने कहा था कि हर साल दस हजार रुपए सेवा शुल्क के रूप में देना होगा। उन्हें फस्र्ट एड क्लीनिक चलाने की अनुमति दी जाएगी लेकिन यदि वह मरीजों का पूरा उपचार करेंगे तब भी किसी तरह की आंच नहीं आएगी। इसमें मेडिकल स्टोर के साथ ही मरीजों को बॉटर और इंजेक्शन लगाने आदि की भी छूट का आश्वासन दिया गया था।
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झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की बना रहे थे तैयारी
रिश्वत लेते पकड़े जाने से पहले बीएमओ और सुपरवाइजर झोला छाप डाक्टरों पर कार्रवाई के लिए टीम गठित कर भ्रमण की योजना बना रहे थे। इसके पहले भी वह ऐसा करते रहे हैं और मोटी रकम वसूल कर वापस लौट आते थे। कोई सबूत नहीं होने की वजह से कार्रवाई नहीं हो रही थी।
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डाक्टर को अवार्ड देने का प्रस्ताव
कल्याण सिंह मूलरूप से गुढ़ के बीएमओ रहे हैं और रायपुर कर्चुलियान का अतिरिक्त प्रभार मिला था। बीते २९-३० अक्टूबर को दिल्ली की टीम निरीक्षण में आई थी। उस दौरान अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं बेहतर बनाई गई थी। मरीजों को अच्छे कपड़े दिए गए और खाना मैन्यू से अलग दिया गया। इस पर टीम ने सवाल किया तो त्योहारी सीजन का हवाला देते हुए मरीजों को अच्छी सुविधा की बात बताई। जिस पर जिले में सबसे बेहतर इंतजाम गुढ़ का माना गया और बीएमओ को पुरस्कृत करने का प्रस्ताव भी बनाया गया है।
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बीएमओ की पत्नी नगर परिषद अध्यक्ष हैं
बीएमओ कल्याण सिंह की पत्नी नगर परिषद गुढ़ की अध्यक्ष हैं। इस कारण सत्ताधारी दल के नेताओं से अच्छे संपर्क होने के चलते लगातार आने वाली शिकायतें नजरंदाज की जाती रही हैं। बीते कई वर्षों से गुढ़ क्षेत्र में डॉ. कल्याण का रुतबा बना रहा है, अपनी मर्जी के अनुसार व्यवस्थाओं का संचालन किया है। व्यापमं घोटाले में भी नाम आया था, जिसके चलते कई महीने गुढ़ से गायब भी रहे।
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बीएमओ और सुपरवाइजर द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत आई थी। इसके सत्यापन के बाद टीम कार्रवाई के लिए भेजी गई थी। दोनों का आठ हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। विवेचना अभी जारी है।
सुनील पाटीदार, एसपी लोकायुक्त रीवा




