रीवा। विंध्य क्षेत्र में बड़े औद्योगिक निवेश की प्रक्रिया के तहत एक और अनुबंध पूरा हो गया है। मऊगंज जिले के घुरेहटा में पतंजलि ग्रुप को 175.059 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है। एक दिन पहले ही भूमि की रजिस्ट्री से जुड़ी प्रक्रिया पूरी की गई। शुक्रवार की सुबह पतंजलि ग्रुप के प्रबंध संचालक आचार्य बालकृष्ण मऊगंज पहुंचे। जहां पर कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद उन्होंने मऊगंज के घुरेहटा में स्थित औद्योगिक भूमि का निरीक्षण किया। इस दौरान मऊगंज कलेक्टर संजय जैन ने प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी और कहा कि उद्योग लगाने से मऊगंज के विकास को गति मिलेगी। प्रशासन इसके लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराएगा। आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि उनकी जरूरत के हिसाब से करीब चार सौ एकड़ से अधिक की भूमि प्राप्त हुई है। अब यहां पर फूड पार्क के साथ ही एकीकृत परिसर विकसित करेंगे, जिसमें औद्योगिक प्लांट के साथ ही स्किल डेवलपमेंट, एजुकेशन, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के साथ ही आयुर्वेद भी शामिल होगा। बीते साल अक्टूबर महीने में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रियल कांक्लेव में आचार्य बालकृष्ण ने घोषणा की थी कि वह रीवा में करीब एक हजार करोड़ का निवेश करने के लिए तैयार हैं। इसको लेकर एमपीआईडीसी के अधिकारी लगातार सपंर्क में रहे और अब भूमि के आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। घुरेहटा में काफी देर तक बालकृष्ण अपनी टीम के रुके। आवंटित भूमि पर किस क्षेत्र में क्या बनाया जाएगा इसका प्रारूप इंजीनियर्स तय करेंगे लेकिन बालकृष्ण ने अपने साथ आए कुछ अधिकारियों को बताया है कि कैसा प्रारूप तय करना है। इस दौरान एमपीआईडीसी के महाप्रबंधक नवेंदु शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।

पतंजलि ग्रुप की ओर से औद्योगिक भूमि प्राप्त करने के लिए एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा भेजे गए डिमांड के अनुसार 16 अप्रेल को 25 करोड़ 42 लाख 71 हजार 303 रुपए का भुगतान किया है। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक यूके तिवारी ने बताया कि मऊगंज जिले के घुरेहटा में 175.059 हेक्टेयर भूमि का आवंटन पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कर दिया गया है। कंपनी से कहा है कि वह जल्द अपना कार्य यहां पर प्रारंभ कराएं।
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इस प्रोजेक्ट में किसान भी होंगे सहभागी : बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि मऊगंज के घुरेहटा में भूमि उन्हें प्राप्त हो गई है। पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद अगली प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। रीवा में संभावनाएं भी हैं और भावनाएं भी। यह नया प्रोजेक्ट किसानों की सभागिता वाला होगा। जिसमें किसान रा-मटेलियर तैयार करेंगे और पतंजलि उन्हें खरीदकर फूड प्रोसेसिंग के जरिए बाजार में उतारेगा। इससे क्षेत्र के किसानों की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ ही पतंजलि भी कल्टीवेशन के जरिए कुछ उत्पाद तैयार करेगा। इसे हम इंडस्ट्रियल फूड पार्क के रूप में विकसित करेंगे। हम प्रयास करेंगे कि और भी उद्योग जगत के लोग और संस्थाएं यहां आएं और निवेश करें। इससे एग्रीकल्चर फील्ड में ज्यादा रोजगार मिलता है, सिर्फ फैक्ट्री में काम करने से रोजगार नहीं बढ़ता। इस पहल से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने घोषणा की थी कि शुरुआत 500 करोड़ से करेंगे, लेकिन यह निवेश 1000 करोड़ से ऊपर तक जाएगा। यहां स्किल डेवलपमेंट, एजुकेशन के साथ ही योग, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के क्षेत्र में भी काम करेंगे।
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रीवा में डिप्टी सीएम मिले बालकृष्ण
पतंजलि की टीम के साथ आचार्य बालकृष्ण ने रीवा में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के आवास पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान शुक्ला ने कहा है कि वह खुलकर निवेश करें, सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी। शुक्ला ने बताया कि जैसे हम हरित क्रांति ला रहे हैं, अब विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति भी जरूरी है। पतंजलि ग्रुप फूड पार्क के लिए 1000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इससे किसानों की समृद्धि बढ़ेगी। फसलों का उचित दाम मिलेगा और व्यवसायिक खेती की ओर किसान आगे बढ़ेंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 से पतंजलि के साथ वार्ता चल रही है। अब विंध्य की धरती दौलत पैदा करने वाली बनेगी। इसके बाद दूसरे कई औद्योगिक घराने भी निवेश करेंगे।

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