Another Raja Raghuvanshi scandal! Bride kills husband with an axe
देश इस समय दो दर्दनाक और चौंकाने वाली घटनाओं से स्तब्ध है, जिनमें पत्नियों पर अपने पतियों की हत्या का आरोप लगा है। एक ओर मध्यप्रदेश के इंदौर में कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी सुलझते ही देश सकते में आ गया, वहीं महाराष्ट्र के सांगली जिले में वट पूर्णिमा की रात एक नवविवाहित महिला द्वारा कुल्हाड़ी से पति की हत्या ने इस त्रासदी को और गहरा बना दिया।

  इंदौर: कारोबारी की हत्या में पत्नी बनी मास्टरमाइंड

इंदौर के युवा कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या का खुलासा होते ही पुलिस और जनता दोनों सन्न रह गए। राजा की 25 वर्षीय पत्नी सोनम रघुवंशी को इस हत्याकांड की मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। दोनों की शादी मई 2025 में हुई थी और वे मेघालय हनीमून पर गए थे। वहीं, राजा की हत्या कर दी गई और उसका शव गहरी खाई में फेंक दिया गया।

पुलिस जांच में सामने आया कि सोनम ने अपने पति की हत्या की पूरी योजना बनाई थी और अपने सहयोगियों की मदद से इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद सोनम ने खुद को अगवा बताकर बचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई।

 सांगली: वट पूर्णिमा की रात नवविवाहिता ने कुल्हाड़ी से की हत्या

दूसरी घटना महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुपवाड क्षेत्र में प्रकाश में आई, जहां राधिका बालकृष्ण इंगले (27) ने अपने 45 वर्षीय पति अनिल तानाजी लोखंडे की आधी रात को कुल्हाड़ी से बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना वट पूर्णिमा के दिन हुई, जिस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।

पुलिस के मुताबिक, घटना रात करीब 11:30 से 12:30 के बीच की है। अनिल की पहली पत्नी का निधन हो चुका था और उन्होंने 17 मई को राधिका से दूसरी शादी की थी। शादी के महज 17 दिन बाद यह रिश्ता एक खौफनाक हत्याकांड में बदल गया।

प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि अनिल, राधिका के साथ नजदीकियाँ बढ़ाने की कोशिश कर रहा था, जो उसे स्वीकार नहीं थीं। उसी रात कथित तौर पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश के चलते राधिका ने यह हिंसक कदम उठाया। पुलिस ने राधिका को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट में पेश करने की तैयारी चल रही है।

 सामाजिक विडंबना और रिश्तों का गिरता संतुलन

इन दोनों घटनाओं ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम रिश्तों की असली गरिमा और संवाद खोते जा रहे हैं? एक ओर सात फेरे, सात जन्मों के साथ का वादा, और व्रत-पर्वों की आस्था — वहीं दूसरी ओर उन्हीं रिश्तों में दरारें, संदेह, दबाव और हत्या जैसी चरम सीमाएँ।

पुलिस दोनों मामलों में हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को न्याय मिल सके।

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