रीवा। खाद वितरण केन्द्रों में लगातार तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में किसानों की लाइन देखी गई। खाद का इंतजार ऐसे है कि रात्रि से ही कई किसानों ने वितरण केन्द्रों में लाइन लगाने के लिए डेरा जमा लिया। इस बीच कई किसान मायूष होकर लौटे क्योंकि जब तक उनका नंबर आया तब तक कहा गया कि स्टाक खत्म हो चुका है। ऐसी स्थिति जिले के कई केन्द्रों से सामने आई है।
सेवा सहकारी समितियों में कई जगह किसानों द्वारा हंगामा किए जाने की भी सूचनाएं सामने आई हैं। डबल लॉक केन्द्रों में लगातार भीड़ बढऩे के चलते यहां भी स्टाक कम होने लगा है। जिसके चलते केन्द्रों के बाहर किसानों की नाराजगी देखी गई। बुधवार को यूरिया खाद की एक रैक आनी थी लेकिन दोपहर सूचना आई कि उक्त रैक अब नहीं आएगी। इसे किसी दूसरे जिले के लिए भेजा गया है। जिसकी वजह से अब किसानों को कुछ और इंतजार करना होगा।
खाद की मांग को देखते हुए जिला प्रशासन ने डिमांड भेजी है और कहा है कि तत्काल खाद मुहैया कराई जाए। कलेक्टर ने भी मुख्यालय में बात की है और जिले के हालात से अवगत कराया। जिला विपणन अधिकारी शिखा सिंह वर्मा ने बताया कि जल्द ही यूरिया के एक रैक रीवा को प्राप्त होगी, जिससे किसानों की जरूरत पूरी होगी।
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अधिकारियों ने प्राइवेट दुकानों में कराया वितरण
डबल लॉक और सहकारी समितियों के साथ ही प्राइवेट दुकानों में भी खाद के लिए लंबी लाइनें देखी गई हैं। इन स्थानों पर किसी तरह का विवाद नहीं बढ़े, इसलिए कलेक्टर ने राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह मौके पर पहुंचकर खाद वितरित कराएं। जिसके चलते कई एसडीएम, तहसीलदार निजी दुकानों में पहुंचे और वहां के स्टाक का सत्यापन करने के बाद वितरण कराया। इस दौरान पटवारियों और कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
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भाकियू ने संभागायुक्त को सौंपा ज्ञापन
खाद के साथ ही किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रतमणि त्रिपाठी ने संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि प्रशासन पर्याप्त खाद का दावा करता है लेकिन केन्द्रों में किसानों की लंबी कतारें लगी हैं। पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। इसलिए आवंटन और वितरण का सत्यापन कराया जाए। साथ ही पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही बिजली एवं अन्य समस्याओं के निराकरण भी की मांग उठाई गई है।
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कतार में लगे किसानों के साथ हाथापाई, वीडियो वायरल
मऊगंज जिले के हनुमना में खाद के लिए लंबी कतार में खड़े किसानों के साथ मारपीट भी की गई। इसको लेकर हंगामा मचा और पुलिस को बुलाया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि कुछ कथित दलाल वहां पर सक्रिय हैं जो कतार में लगे किसानों को हटा रहे थे और अपने लोगों को अलग से खाद दिलवा रहे थे। इसका विरोध किया तो हाथापाई करने लगे। किसानों के साथ हुए इस बर्ताव पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरीलाल कोल भी पहुंचे और कहा कि भाजपा से जुड़े कुछ लोग खाद वितरण में दलाली कर रहे हैं। रात्रि से लाइन में लगे किसानों के साथ मारपीट की जा रही है। इस हाथापाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं करहिया के कृषि मंडी परिसर में भी मारपीट हुई जिससे पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव शिव सिंह ने कहा कि भाजपा से जुड़े लोगों ने कालाबाजारी कराना शुरू कर दिया है जिससे खाद का संकट बढ़ गया है।
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बीच रास्ते में खाद बेचते ग्रामीणों ने पकड़ा
एक ओर खाद का संकट रीवा और मऊगंज दोनों जिलों में है। वहीं दूसरी ओर ब्लैक मार्केटिंग भी खुलकर चल रही है। मऊगंज जिले के नईगढ़ी क्षेत्र में बहुती गांव में ग्रामीणों ने एक ट्रक को उस समय रोक लिया जब वह खाद की बोरियां एक ट्रैक्टर में लदवा रहा था। इसका वीडियो भी ग्रामीणों ने बना लिया। बताया गया है कि इस ट्रक में करकचहा और बहुती समिति के लिए खाद लेकर ट्रक गया था, वापस लौटते समय उसमें कुछ खाद की बोरियां बची थी, तो उसने बीच रास्ते में बेचना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस को बुलाकर ट्रक सुपुर्द किया है जिसकी जांच की जा रही है। इस मामले में कृषि विभाग के एसडीओ रवि सिंह ने बताया कि करकचहा और बहुती समितियों के लिए ६०० बोरी खाद भेजी गई थी, जिसमें करकचहा में ३१ बोरी कम उतारी गई थी।