रीवा। भाजपा और कांगे्रस ने अपने चार-चार प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन कई सीटों पर दल-बदल शुरू हो गया है। इसका साइट इफेक्ट अब दोनों दलों में सामने आ रहा है। कांग्रेस को बड़ा झटका देकर जहां सिद्धार्थ तिवारी भाजपा में चले गए हैं तो वहीं पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने भाजपा छोड़ दी है और कांग्रेस में टिकट भी पा चुके हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के क्षेत्रों में कार्यकर्ता अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अभय मिश्रा को टिकट देने की वजह से नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है।
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n सेमरिया विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे करीब दर्जनभर नेता और ब्लाक और मंडलम अध्यक्ष शहर के नेहरू नगर में सत्यनारायण चतुर्वेदी के घर पर जुटे। सभी ने बैठक के बाद एक पत्र प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेजा है। जिसमें सामूहिक रूप से लिखा है कि अभय मिश्रा पहले भी कांग्रेस में आए थे और अपने स्वार्थ को लेकर फिर से भाजपा में चले गए। वह शराब एवं अन्य अनैतिक कार्य करते हैं जिसके चलते क्षेत्र में अच्छी छवि नहीं है। चुनाव के ठीक पहले पार्टी को धोखा दे चुके हैं। इस कारण कांग्रेस में वापसी से बड़ा नुकसान होगा।
nजिन प्रमुख नेताओं ने अभय का विरोध किया है उसमें प्रमुख रूप से पूर्व जिला अध्यक्ष त्रियुगीनारायण शुक्ला, प्रदीप सोहगौरा, लालमणि पांडेय, दिवाकर द्विवेदी, धर्मेन्द्र तिवारी, सत्यनारायण चतुर्वेदी, गजेन्द्र दुबे, अजीत पांडेय के साथ ही ब्लाक अध्यक्षों में जितेन्द्र सिंह मझियार, आशिक खान सेमरिया, मिथिलेश द्विवेदी बनकुइयां, पुष्पेन्द्र तिवारी शाहपुर, रामप्रसाद शुक्ला सहित अन्य शामिल हैं।
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n– बूथ कार्यकर्ता को भी मिलेगा तो एकजुट रहेंगे
nसेमरिया के दावेदारों ने कहा है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता को भी यदि पार्टी टिकट देगी तो सभी मिलकर उसे जिताएंगे। अभय मिश्रा को अब दोबारा पार्टी में न तो कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे और क्षेत्र के नेता। जिस तरह से नेताओं ने विरोध किया है उससे अभय की टिकट मुश्किलें बढ़ा रही है।
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nत्योंथर में तिवारीलाल के घर भाजपा कार्यकर्ता जुटे
nदलबदल का असर त्योंथर सीट पर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे सिद्धार्थ तिवारी को अब टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इस कारण अब प्रमुख दावेदार तिवारीलाल के घर पर कार्यकर्ता पहुंचे थे। वह संगठन को यह संदेश देना चाह रहे थे कि कार्यकर्ताओं के मन को सुना जाए। हालांकि तिवारी लाल ने अभी टिकट की घोषणा का इंतजार करने को कहा है। इसके एक दिन पहले त्योंथर के कुछ पदाधिकारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के घर भी पहुंचे थे और कहा था कि पुराने भाजपाई को ही टिकट दिया जाए। वहीं भाजपा के दूसरे प्रमुख दावेदार देवेन्द्र सिंह के समर्थक भी उन पर बगावत का दबाव बना रहे हैं।
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n– सिद्धार्थ का निर्णय सही नहीं
nसिद्धार्थ तिवारी के गांव तिवनी के पूर्व सरपंच मुनीन्द्र तिवारी ने कहा है कि दलबदल का कोई बड़ा कारण होना चाहिए। टिकट तो उनके दादा श्रीनिवास तिवारी का भी कटा था लेकिन वह पार्टी के साथ रहे और राजनीति का स्वर्णिम अवसर भी पाया। मुनीन्द्र ने कहा कि पूरे गांव के लोग सिद्धार्थ के निर्णय से अचंभित और नाराज हैं। क्योंकि उनका यह निर्णय तिवारी परिवार के संघर्षों को नकारने वाला साबित हो रहा है।
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